*भारत ने जापान को हराकर दूसरी बार जीता स्वर्ण पदक, चीन को मिला कांस्य*

रांची : झारखंड की पावन धरती पर भारत ने चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने का सपना साकार किया है .भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपना विजय यात्रा जारी रखते हुए झारखंड महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल जीत लिया.यह मुकाबला जीतकर दूसरी बार इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.
मेजबान टीम ने रविवार को यहां मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में जापान को 4-0 से पराजित किया.दूसरी तरफ चीन ने कोरिया को 2-1 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया.
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने हाफ टाइम की समाप्ति तक 1-0 की बढ़त बना ली थी. यह गोल संगीता कुमारी ने मैच के 17 वें मिनट में गोल के रूप में किया.
मेजबान भारतीय टीम ने दूसरे हाफ में भी अपना तूफानी प्रदर्शन जारी रखा और तीन गोल और दाग दिए.टीम के दूसरा गोल नेहा ने 46वें, तीसरा गोल लालरेमसियामी ने 57 वें और चौथा तथा अंतिम गोल वंदना कटारिया ने 60वें मिनट में किया. इस प्रकार निर्धारित समय में भारतीय टीम जापान को 4-0 से पराजित कर चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया.
भारत की इस संस्करण में सात मैचों में यह लगातार सातवीं जीत थी.भारतीय टीम के लिए संगीता कुमारी ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा छह गोल किए जबकि चीन की जियाकी झोंग सात गोल के साथ टॉप स्कोरर रहीं.
गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ियों को तीन-तीन लाख रुपये और प्रत्येक सपोर्ट स्टाफ को 1.5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी. हेमंत सरकार ने इसकी घोषणा की है.
इससे पूर्व कांस्य पदक मुकाबले में चीन के लिए यी चेन ने तीसरे और तियांतियन लोउ ने 47 वें मिनट में गोल किए.वहीं, कोरिया के लिए एकमात्र गोल सुजिन एन ने 38वें मिनट में दागा.कोरिया को चौथे, मलेशिया को पांचवें और थाईलैंड को छठे स्थान से संतोष करना पड़ा.
राउंड रॉबिन लीग चरण के आधार पर खेले गए इस टूर्नामेंट में कुल छह टीमें भाग ले रही थीं.इनमें मेजबान भारत के अलावा चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें शामिल थीं.लीग चरण के बाद अंकतालिका की टॉप-4 टीमों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया.भारत ने इससे पहले, साल 2016 में यह खिताब अपने नाम किया था.भारतीय टीम 2013 और 2018 में रजत पदक जीत चुकी है. फाइनल मैच के दौरान पूरे स्टेडियम में दर्शकों का उत्साह देखते बन रहा था. चूंकि भारतीय टीम आरंभ से ही इस फाइनल मुकाबले में अपने विरोधी डिफेंडिंग चैंपियन जापान पर हावी थी इसलिए दर्शकों ने भारतीय टीम का मनोबल बनाए रखा.











