रांची- झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने गुरुवार को सरला बिरला विश्वविद्यालय, महिलौंग रांची के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह का एक खास महत्व होता है,क्योंकि यह न केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम का समापन है बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है, जो अवसरों और जिम्मेदारियों से भरा होता है.
उन्होंने आगे विद्यार्थियों से कहा कि जिस प्रकार कठिन मेहनत कर वे शिक्षा ग्रहण किए हैं, उसी प्रकार भविष्य में भी वे चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करने का प्रयास करें.
राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और सतत कार्य करने से सफलता अवश्य मिलती है.अपना लक्ष्य निर्धारित करें और विनम्र होकर कार्य को पूरा करने हेतु अनुकूल कार्य संस्कृति का वातावरण तैयार करें.कार्य संस्कृति का बड़ा असर होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनीत होकर अपने भावी जीवन की यात्रा प्रारंभ की थी. उनके लगातार प्रयास से आज भारत विश्व की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बन चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘विकसित भारत@2047’ के दृष्टिकोण में अपना योगदान दें.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्ट-कर्ट रास्ता नहीं होता है. विश्व में जीतने भी महान विभूति हुए हैं वे कठिन परिश्रम एवं संघर्ष किए हैं.उत्साह एवं उमंग के साथ अपने कार्यों को संपादित करें, सफलता अवश्य मिलेगी. शिक्षा के पश्चात भावी जीवन में सफलता प्राप्त करना सुगम हो, इसके लिए नई शिक्षा नीति लागू की गयी है.इस शिक्षा नीति में न सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता पर बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास, सोच, रचनात्मकता एवं नैतिक मूल्यों पर भी बल दिया गया है.
इस मौके पर राज्यपाल द्वारा सफल विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.उक्त अवसर पर सरला बिरला विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल द्वारा इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर, विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत को मानद उपाधि प्रदान की गई.
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