रांची : झारखंड की हेमंत सरकार कभी सीएनटी एक्ट को दूर से देखने वाली सरकार का जबरदस्त विरोध की थी लेकिन आज इस एक्ट में संशोधन करने के लिए आगे बढ़ी है। झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव विचार के लिए लाया गया था।स्टीफन मरांडी के अनुसार टीएसी की इस बैठक में थाना क्षेत्र की बाध्यता खत्म करने जैसे विषय पर सहमति बन गई है।लेकिन इस पर विधि विशेषज्ञों से सलाह लेने का निर्णय हुआ है। मालूम हो कि सीएनटी एक्ट 1908 में बना।
यह एक्ट आदिवासी समाज की जमीन के संरक्षण के लिए बनाया गया।अंग्रेजी सरकार ने इसे बनाया था।।इसमें यह प्रावधान है कि एक थाना क्षेत्र के अंतर्गत ही कोई भी आदिवासी समाज का सदस्य दूसरे आदिवासी समाज की जमीन खरीद सकता है। बैठक में यह माना गया कि एक्ट के हिसाब से थाना क्षेत्र बहुत बड़ा हुआ करता था लेकिन आज की तारीख में थाना क्षेत्र बहुत छोटा हो गया है। इसलिए संशोधन की जरूरत है।टीएसी की इस बैठक में कई अन्य प्रस्ताव भी विचार के लिए आए थे। इस बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष यानी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। भाजपा की ओर से इस बैठक का बहिष्कार किया गया।