नई दिल्ली: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 589 अंकों की गिरावट के साथ 79,213 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 207 अंकों की गिरावट के साथ 24,039 पर बंद हुआ। इस गिरावट के बीच निवेशकों में पैनिक सेलिंग का माहौल देखने को मिला, जिससे बाजार में भारी अस्थिरता आई।
🔻 सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स में करीब 600 अंकों की गिरावट आई, और निफ्टी 24,050 अंक से नीचे फिसल गया। इस गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 8.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 420.83 लाख करोड़ रुपये रह गया।
💥 पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बढ़ा जियो-पॉलिटिकल तनाव
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने बाजार की स्थिति को प्रभावित किया। इस घटना में 26 नागरिकों की मौत हो गई, और इसके बाद से जियो-पॉलिटिकल टेंशन और अधिक बढ़ गया है, जिससे निवेशकों में सतर्कता बढ़ी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन और राजनयिक संबंधों में कमी। इन घटनाओं ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया, और उन्हें अधिक सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया।
🧐 बाजार में गिरावट के पांच प्रमुख कारण:
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जियो-पॉलिटिकल तनाव बढ़ा, जिससे निवेशक सतर्क हो गए। इससे बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा।तेज तेजी के बाद मूल्यांकन संबंधी चिंताएं:
निफ्टी ने पिछले सात सत्रों में 8.6% की बढ़त हासिल की थी, लेकिन अचानक रैली रुकने से मूल्यांकन को लेकर चिंता बढ़ गई और निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी।फाइनेंशियल स्टॉक्स में गिरावट:
एक्सिस बैंक, एसबीआई और बजाज फाइनेंस जैसे प्रमुख फाइनेंशियल स्टॉक्स में भारी गिरावट आई। इन स्टॉक्स ने सेंसेक्स में 360 अंक की गिरावट में योगदान दिया।लगातार बढ़त के बाद थकान:
सात दिनों तक लगातार तेजी के बाद बाजार में थकान के संकेत दिखने लगे, जिससे सुधार का दौर शुरू हुआ। तकनीकी विश्लेषकों ने ओवरबॉट स्थितियों का हवाला दिया।सुस्त अर्निंग सीजन:
चालू वित्त वर्ष में अर्निंग सीजन धीमा रहा, कई कंपनियों ने उम्मीद से कम आय रिपोर्ट की, जिससे बाजार में अधिक अस्थिरता देखने को मिली। HUL जैसे प्रमुख ब्रांड भी कम राजस्व और कमजोर शहरी मांग के कारण मुनाफा कम कर पाए।
📊 बाजार का रुख अब क्या होगा?
निवेशकों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में वापसी का प्रयास हो सकता है, लेकिन जियो-पॉलिटिकल तनाव और कमजोर आय रिपोर्टों के कारण सतर्कता जारी रहने की संभावना है। टेक्निकल विश्लेषक भी यह मानते हैं कि बाजार में सुधार होने की संभावना है, लेकिन निवेशकों को अगले कुछ सप्ताहों में सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।