रांची: उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में सरला बिरला विश्वविद्यालय का अपनी एक महत्वपूर्ण पहचान है। यहां कई तरह के प्रयोग शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए आयोजित होते हैं। शिक्षकों में अनुसंधान क्षमताओं और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के निमित्त सरला बिरला विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ बिज़नेस मैनेजमेंट द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम — “रिसर्च मेथडोलॉजी एडवांस्ड प्रोग्राम (REMAP 2025) का आज समापन हुआ।

इस कार्यक्रम में भारत और विदेशों से सौ से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और इसमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा सत्रों का आयोजन किया गया। प्रमुख विशेषज्ञों में एसबीयू के कुलपति प्रो. सी. जगनाथन, संत ज़ेवियर्स कॉलेज, कोलकाता की डॉ. सुमंत दत्ता, सनवे यूनिवर्सिटी, मलेशिया के डॉ. चार्ल्स जेबराजकृती, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन डॉ. अम्बरती नागेश्वर राव, बीआईटी मेसरा के प्रो. आनंद प्रसाद सिन्हा, जैन यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के डॉ. पी. श्रीनिवासन, वीएनएसजीयू, सूरत के डॉ. धवल मेहता, प्रधान संपादक FIIB बिजनेस रिव्यू के डॉ. सुधीर राणा, फैकल्टी ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट और REMAP 2025 के संयोजक डीन डॉ. अरबिंद भंडारी शामिल हुए।
कार्यक्रम में प्रकाशन में नैतिकता, उच्च-इंडेक्स जर्नल लेखन, अनुसंधान में एआई, मापन एवं स्केलिंग तकनीक और भौगोलिक डेटा का उपयोग जैसे प्रमुख विषय शामिल रहे। प्रतिभागियों को एसपीएसएस, एनविवो, स्मार्ट पीएलएस बिब्लियोमेट्रिक विश्लेषण तथा परामीट्रिक और नॉन-पेरामीट्रिक हाइपोथीसिस परीक्षण जैसे टूल्स के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
समापन सत्र में डॉ. अरविंद भंडारी द्वारा कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया।
विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने शिक्षकों की सामाजिक भूमिका पर बल देते हुए राष्ट्र निर्माण में सहायक प्रभावी अनुसंधान को बढ़ावा देने की बात कही। कुलपति प्रो. सी. जगनाथन ने REMAP 2025 के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी और शोध प्रक्रिया में एआई जैसी उभरती तकनीकों के समावेश की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय में मजबूत अकादमिक शोध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। रजिस्ट्रार प्रो. एस.बी. डांडिन ने कार्यक्रम को शोध योजना के लिए दूरदर्शी रोडमैप बताया।
सरला बिरला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
 
			
 













