वाशिंगटन: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के दूसरे चरण में संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंच गए हैं.वाशिंगटन पहुंचने पर उनका अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों ने स्वागत किया.उनके स्वागत के लिए कड़ी ठंड में भी सैकड़ों भारतीय वहां पर मौजूद थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस से वाशिंगटन पहुंचे हैं.वाशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप से उनकी बातचीत होगी.कई महत्वपूर्ण विषयों पर उनसे चर्चा होगी.सामरिक और व्यापारिक विषयों पर परस्पर सहयोग बढ़ाने पर विचार होगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहा है कि उनकी इस यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच संबंध और मजबूत होंगे.
मालूम हो कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं और हाल ही में उन्होंने शासन संभाला है.कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर भी वार्ता हुई है.जिस प्रकार से पिछले दिनों अमेरिका में रह रहे अवैध रूप से उन भारतीयों को अमेरिकी प्रशासन ने बेड़ियों में बांधकर भारत भेजा, उसको लेकर भारत में चिंता जताई गई.उसके बाद से यह सिलसिला बंद हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना मित्र मानते हैं. इसलिए भारत को उम्मीद है कि अमेरिका का भारत के प्रति व्यवहार भविष्य में अच्छा रहेगा.परंतु जिस प्रकार से कुछ विषय सामने आ रहे हैं.उन पर साफ सुथरी बातचीत होनी जरूरी है.अमेरिका फिलहाल अपने को श्रेष्ठ देश बताने के अभियान में लग गया है.राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए कई देशों के खिलाफ अप्रत्याशित कदम भी उठा रहे हैं.उनमें से एक टैरिफ वार है यानी उस देश से आने वाले सामान पर अधिक टैक्स लगाना ताकि वह महंगा हो जाए और इसका आयात कम हो सके.भारत से भी बहुत सारे सामान अमेरिका निर्यात होते हैं.भारत के उत्पाद पर भी टैरिफ लगाया जा सकता है.वैसे अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वार्ता के बाद शायद इसका कोई समाधान निकाले.भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंध पुराने रहे हैं.भारत ने हाल के वर्षों में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र के बहुत सारे उपकरण अपने देश में बनाने लग गए हैं जिस कारण से अमेरिका से इन उपकरण का आयात लगभग खत्म होता जा रहा है.अमेरिका के लिए यह कमाई का बड़ा माध्यम था.इसके थमने से अमेरिका को नुकसान हो रहा है.इसलिए वह भारत से नाराज भी चल रहा है.ऐसे में कुछ चीजों पर टैरिफ लगाया जा सकता है.परंतु इसे स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता.