श्रीनगर/जम्मू, 23 अप्रैल:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। बायसरन घाटी में मंगलवार को हुए इस हमले में आतंकियों ने एके-47 से अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
धर्म पूछ-पूछकर मारी गयी गोलियां:
प्रत्यक्षदर्शियों और प्रारंभिक जांच के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों के नाम और धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया। करीब 20 मिनट तक चले इस हमले में घाटी की फिजा गोलियों की गूंज और चीखों से भर गई।
चार आतंकियों की पहचान, दो पाकिस्तानी शामिल:
मीडिया रिपोर्ट्स और एजेंसी सूत्रों के अनुसार, इस हमले में कुल चार आतंकी शामिल थे — जिनमें दो पाकिस्तान से आए दहशतगर्द और दो स्थानीय आतंकी हैं। अब तक तीन आतंकियों के स्केच भी जारी कर दिए गए हैं।
हमले में शामिल संदिग्ध:
आदिल ठाकुर — लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा, मूल निवासी गुरी, बिजबेहड़ा
आशिफ शेख — जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क, निवासी मोंघामा, मीर मोहल्ला (त्राल)
बॉडी कैमरे से रिकॉर्ड की वारदात:
जांच एजेंसियों को यह जानकारी भी मिली है कि आतंकियों ने बॉडी कैमरे पहन रखे थे, जिनसे पूरे हमले की रिकॉर्डिंग की गई। इसका मकसद हमले के वीडियो को प्रचार के रूप में इस्तेमाल करना हो सकता है।
हवाई और ग्राउंड निगरानी:
बुधवार सुबह से ही सेना, एनआईए, जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया है। ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए पहलगाम और आसपास के इलाकों की निगरानी की जा रही है।
दिल्ली तक हाई अलर्ट:
इस हमले के बाद न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीमाओं की निगरानी कड़ी कर दी गई है।
यह आतंकी हमला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। सवाल उठता है कि आखिर कब तक निर्दोष नागरिक आतंक का शिकार बनते रहेंगे, और कब तक पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे आतंकी संगठनों पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी?