नई दिल्ली-संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में वन नेशन वन इलेक्शन संबंधित बिल लाने की संभावना थी और आज यानी मंगलवार को यह बिल लोकसभा में प्रवेश हो रहा है.केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल बिल से संबंधित प्रस्ताव सदन के पटल पर रखेंगे.वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक हाई लेवल कमेटी गठित की गई थी.
इस कमेटी ने पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के पक्ष में विचार या अनुशंसा दी है.कुछ राजनीतिक दल वन नेशन वन इलेक्शन कानून के खिलाफ है.परंतु मोदी कैबिनेट ने हाल ही में इससे संबंधित बिल को मंजूरी दी है.भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर संसद में मौजूद रहने का निर्देश दिया है.अगर यह बिल पारित होता है और कानून बन जाता है तब यह संभावना जताई जा रही है कि 2029 में ही लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव होंगे.उसके 1 साल के बाद नगर निकाय और पंचायत के भी चुनाव एक साथ कराए जाएंगे.वन नेशन वन इलेक्शन के पीछे तर्क यह है कि बार-बार अलग-अलग राज्यों में चुनाव होने से विकास बाधित होता है और देश की जीडीपी प्रभावित होती है.अगर एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हो जाए तो लगभग एक से डेढ़ प्रतिशत जीडीपी बढ़ जाएगी.