नई दिल्ली : रेल संशोधन विधेयक- 2024 पर चर्चा हुई.चर्चा काफी लंबी भी रही और महत्वपूर्ण भी.परिवहन क्षेत्र में रेलवे का बहुत बड़ा स्थान है.विश्व में भारतीय रेल का अपना नेटवर्क काफी बड़ा और मजबूत है.रेल नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों लोग आवागमन करते हैं.पिछले 10 साल में भारतीय रेलवे ने वह ऊंचाई प्राप्त की है जो पिछले 70 साल में नहीं हुई थी.
रेलवे संशोधन विधेयक – 2024 पर चर्चा के दौरान कई बातें सामने आई हैं जो पिछले 10 साल में भारतीय रेलवे के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास को रेखांकित करती हैं.खासकर झारखंड की बात करें तो रेलवे नेटवर्क पर आरंभ से पिछड़ा यह राज्य आज तेजी से आगे बढ़ रहा है.झारखंड में उल्लेखनीय काम हो रहे हैं. मोदी शासनकाल में उल्लेखनीय काम हुआ है और हो रहा है.
*भारतीय रेलवे की विकास यात्रा पर संसद में क्या बोले प्रदीप वर्मा*
रेलवे संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए झारखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता, महामंत्री और सांसद प्रदीप वर्मा ने राज्यसभा में अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी की भावना को साकार करने वाला एक बड़ा कदम है.यह विधायक 1905 के भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम को निरस्त करते हुए इसके प्रावधानों को मौजूदा रेलवे अधिनियम, 1989 में एकीकृत करता है.इसका उद्देश्य रेलवे बोर्ड के परिचालन को स्वतंत्रता प्रदान करना है.भारतीय रेल के परिचालन एवं विकास में दक्षता एवं सुशासन को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक विभिन्न कानून को एकीकृत करके एक ढांचे में शामिल करके कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने वाला है.रेलवे बोर्ड को भारत के व्यापक रेलवे नेटवर्क के पहले से अधिक प्रभावशाली ढंग से विकसित करने के दिशा में यह ज्यादा दक्षता प्रदान करने वाला एक विधेयक है.यह
मिडिल क्लास के साथ-साथ इस देश के उच्च आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए रेल कनेक्टिविटी और सुविधाएं बढ़ाने के वादे को सरकार करने के लिए उठाया गया एक कदम है. केंद्र सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे को विकसित करने एवं आधुनिकीकरण के प्रयासों को सफल बनाने के लिए वर्ष 2024- 25 के लिए बजट आवंटन 252000 करोड़ रुपए का किया है जो वर्ष 2014 के केवल 28174 करोड़ से करीब 9 गुना अधिक है.यह विधेयक रेलवे क्षेत्र की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु रेलवे बोर्ड को पहले से अधिक स्वायत्तता निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है.
अपने वक्तव्य में प्रदीप वर्मा ने अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 1321 स्टेशनों के पुनर्विकास एवं 100% विद्युतीकरण जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पूर्ण करने और लक्ष्य को पूरा करने में रेलवे को सक्षम बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है. उन्होंने आगे कहा कि वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत, कवच ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के कार्य में भारत के प्रमुख शहरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने में हमारी भारतीय रेल सक्षम हो सके.उसके लिए हर प्रकार के संसाधन और तकनीकी उपलब्ध कराने की दिशा में हमें ज्यादा आसानी होगी.
तथ्यों को रखते हुए सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि 2004 से 2014 के कालखंड में जब देश में यूपीए सरकार थी तब इन 10 वर्षों में केवल 5188 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य हुआ था.वहीं 2014 से 2024 के 10 वर्षों में रेलवे ने 39013 किलोमीटर का विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया है.कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार 2009 से 2014 के मध्य रेलवे की आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए जहां 230000 करोड़ दिए थे.जबकि 2014 से अब तक 850000 करोड़ रुपए रेलवे को दिया है.भारतीय रेल को दुनिया की सबसे सुरक्षित रेल सेवा बनाने की दिशा में राष्ट्रीय रेल सुरक्षा को स्थापित कर कवच एवं एलटीई बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम जैसे सुरक्षा प्रणालियों के निरंतर विकास की रूपरेखा बनाई है.
प्रदीप वर्मा ने सदन में आगे कहा कि 2004 से 2014 में कुल 1711 रेल दुर्घटना हुई थी.प्रतिवर्ष करीब 171 रेल दुर्घटनाएं हुईं. वहीं अब 2014 से 24 में 678 दुर्घटनाएं हुई हैं. सुरक्षा के नाम पर उठाए गए कदम का यह प्रतिफल है .2014 के बाद से 100% इलेक्शन का लक्ष्य लेकर प्रसिद्ध विद्युतीकरण का कार्य हम कर पाए थे जो 2024 में अब 93.83% तक पहुंच गई है.रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य बहुत जल्दी पूरे देश में 100% का लक्ष्य प्राप्त करने वाला है. विश्व के परिपेक्ष्य में केवल 71.9% ब्रिटेन में, केवल 38% और अमेरिका और रूस का भी भारत से काफी पीछे है. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने अब करीब करीब 94-95 प्रतिशत अपने कुल रेलवे नेटवर्क का नेटवर्क का विद्युतीकरण कर लिया है.
*झारखंड रेलवे नेटवर्क पर महत्वपूर्ण स्थान पा गया*
सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि झारखंड में पहले 57 किलोमीटर हर साल पटरियां बिछाई जाती थीं जो आज बढ़कर के 119 किलोमीटर प्रति वर्ष हो गई हैं.2014 के बाद 1311 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई गईं.झारखंड में रेलवे के विद्युतीकरण का कार्य 100% पूर्ण हो चुका है.56694 करोड़ खर्च करके 3251 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने का कार्य झारखंड में भारतीय रेल कर रही है.झारखंड के 57 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में चयनित करके 2021 2134 करोड रुपए खर्च करके उन्हें विकसित किया जा रहा है.2014 के बाद से झारखंड में 445 रेल फ्लाईओवर एवं अंडरपास नए बनाए गए हैं.झारखंड से होकर आज 12 वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है जिनके 22 यूनिक स्टेशन हमारे झारखंड प्रदेश में पड़ते हैं . प्रदीप वर्मा ने यह भी कहा कि झारखंड रेलवे नेटवर्क पर यूपीए के शासनकाल में पिछड़ रहा था और आज यह स्थिति है कि झारखंड में रेलवे नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है.रेल यात्रियों की सुविधाओं में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.