साहिबगंज/ रांची : हूल क्रांति दिवस के मौके पर साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में बवाल हो गया। शहीदों की इस पावन भूमि पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले दागे गए।रह विवाद तब उभरा जब शहीद सिदो-कान्हू के वंशज सबसे पहले श्रद्धांजलि और पूजा करना चाहते थे। पर जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी।
पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यहां आना था। चूंकि गुरुजी की तबीयत खराब है और वे दिल्ली में इलाजरत हैं, इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं आ सके। शहीद स्थल पर पहले श्रद्धांजलि देने की मांग को जिला प्रशासन ने पूरा नहीं किया गया तो फिर शहीद के वंशज और स्थानीय लोग गुस्सा गये।इस पर पूजा करने की जिद करने लगे। सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने शहीद स्थल का ताला तोड़ दिया। इससे बवाल हो गया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। यहां तक कि आंसू गैस के गोले दागे गए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि आजतक इस तरह की घटना नहीं हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने आशंका जताई कि इसके पीछे भाजपा नेता का हाथ हो सकता है। चंपाई सोरेन और लोबिन हेंब्रम का नाम लिया।
भाजपा के मीडिया प्रभारी ने कहा है कि शहीद के वंशजों के साथ इस तरह का प्रशासन का व्यवहार उचित नहीं है। जिस क्षेत्र से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं, वहां इस तरह की व्यवस्था बिल्कुल गलत है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह प्रशासन का दमनकारी व्यवहार है।इसे लापरवाही नहीं कहा जा सकता है।