बेंगलुरु: दुनिया को रोशनी देने वाला सूरज की जानकारियां निकालने वाला भारत का आदित्य-L1 मिशन 2 सितंबर यानी आज 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया.आदित्य-L1 मिशन को सूरज की सतह से दूर रहकर, इस पर होने वाली घटनाओं और उनके प्रभावों का अध्ययन कर जानकारियां देना है, सूरज की ऊपरी सतह कोरोना की गर्मी, सोलर फ्लेयर, कोरोनल मास इंजेक्शन और सोलर स्टॉर्म जैसी इन घटनाओं के अध्ययन से कई जरूरी निष्कर्ष निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मिशन की लॉन्चिंग से पहले ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा था कि आदित्य-एल 1 के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि हम अभी प्रक्षेपण की तैयारी कर रहे हैं.रॉकेट और उपग्रह तैयार हैं. हमने प्रक्षेपण के लिए रिहर्सल पूरी कर ली है.इन अध्ययन से सौर मंडल के मौसम को लेकर हमारी समझ और बेहतर तरह हो जाएगी.बताया जा रहा है कि स्पेस में सूरज से निकलने वाले कई तरह के रेडिएशंस का प्रभाव भी इससे बहुत आसानी से समझा जा सकेगा.आदित्य-L1, ISRO का पहला स्पेस बेस्ड ऑब्जरवेटरी मिशन है.गौरतलब है कि तमाम जानकारियां जुटाने के लिए इसमें कई तरह के उपकरण लगाए गए हैं.
ISRO ने अपने पहले सोलर मिशन आदित्य एल 1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. ISRO के वैज्ञानिकों ने इस लॉन्च के करीब एक घंटा बाद इस मिशन की सफलता को साझा कर जानकारियां लोगों को दी है.
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद ISRO अब अपने सोलर मिशन पर पूरी तरह फोकस कर रहा है,
चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद ISRO ने यह जानकारी दी थी कि वह अब सूर्य से खास जानकारी जुटाने के लिए एक सैटेलाइट लॉन्च करेगा.
ISRO ने अपने पहले सोलर मिशन का नाम आदित्य-एल1 रखा है. बता दें कि आदित्य का हिंदी में मतलब सूर्य होता है. श्रीहरिकोटा से इसरो के आदित्य एल1 मिशन के सफल लॉन्च के लिए कई मंदिरों में हवन किया गया ताकि आदित्य एल 1 सफलतापूर्ण सूरज के मिशन को पूरा कर सके.
मिशन को नाम क्यों रखा गया आदित्य-L1?
बताया जा रहा है कि L1 का मतलब ‘लाग्रेंज बिंदु 1’ है,और लाग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में वो स्थान हैं, जहां सूर्य-पृथ्वी का गुरुत्वीय बल बराबर होते हैं,और लाग्रेंज बिंदु किसी अंतरिक्ष यान के लिए पार्किंग स्थल का काम करते हैं. यहां किसी भी यान को सालों साल तक रखकर तमाम परीक्षण (जांच) किए जा सकते हैं और कई जानकारियां जुटाई जा सकती हैं. चूंकि सूर्य का दूसरा नाम आदित्य है और स्पष्ट रूप से इसका लक्ष्य L1 तक पहुंचना है, इसलिए इस मिशन को आदित्य एल-1 का नाम दिया गया है.
सिर्फ 10 दिन और भारत की 2 उपलब्धियां
बता दें कि भारत के लिए ये ऐतिहासिक क्षण हैं,ऐसा इसलिए क्योंकि करीब 10 दिन पहले ही इसरो ने अपने चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग की है और अब 2 सितंबर को आदित्य-L1 को सूर्य मिशन के लिए भेजा गया है,इतने कम समय में भारत और देश की स्पेस एजेंसी इसरो की यह दोनों उपलब्धियां देखकर पूरी दुनिया नतमस्तक है. भारत के स्पेस मिशन की अमेरिकी एजेंसी नासा ने भी तारीफ की है.