*Aditya L1 ने भारत का मान दुनिया में बढ़ाया, जानिए खुशी भरी ख़बर*
बेंगलुरु – पिछले साल 3 सितंबर को सूर्य का अध्ययन करने वाला इसरो का आदित्य एल 1 सफलतापूर्वक अपने अंतिम कक्षा में स्थापित हो गया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. विश्व में इस उपलब्धि से भारत का सम्मान बड़ा है. विश्व को रोशनी देने वाले सूरज के संबंध में शोध कार्य करने वाली वेधशाला आदित्य एल 1 अंतरिक्ष यान मानवता के कल्याण के लिए काम करेगा.यह हेलो ऑर्बिट कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर पर लाग्रेंज वन स्थित है.
*राष्ट्रपति प्रधानमंत्री ने दी इसरो को बधाई*
अंतरिक्ष के अध्ययन के लिए इसरो ने कई काम किए हैं अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो ने यह नया इतिहास रच दिया है. अपने पहले सौर मिशन में आदित्य एल 1 अपनी अंतिम कक्षा में स्थापित हो गया है.अब आदित्य एल 1 लाग्रेंज वन बिंदु पर हेलो ऑर्बिट कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने इसरो को इस सफलता के लिए बधाई दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी.उन्होंने एक्स पर लिखा है कि इस सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों ने अथक समर्पण का प्रमाण दिया है. मैं पूरे राष्ट्र के साथ इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करता हूं.हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ना जारी रखेंगे.
*झारखंड में भी आदित्य एल 1 की सफलता से खुशी*
जैसे ही यह खबर सार्वजनिक हुई कि इसरो सौर मिशन आदित्य एल 1 सफलतापूर्वक अंतिम कक्षा में स्थापित हो गया है.लोगों से प्रतिक्रिया सुनने को मिल रही है. झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस सफलता को ऐतिहासिक बताते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष के बाबूलाल मरांडी ने इसरो के वैज्ञानिकों को इस सफलता पर बधाई दी. झारखंड बीजेपी के महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि आज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत विश्व में शुमार हो रहा है. सौर मिशन की सफलता इस बात का उदाहरण है कि हमारे वैज्ञानिक दुनिया में श्रेष्ठ हैं. उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी.