रांची – भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा का पहला चरण पूरा हो गया है. इस चरण में उन्होंने 9 विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया. इन जनसभाओं से उन्हें भी जमीनी हकीकत का पता चला होगा और पार्टी को भी बातें समझ में आ रही होगी.
कैसा रहा संकल्प यात्रा का पहला चरण
भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए सबसे बड़ा कार्यक्रम महज डेढ़ महीने में ही रख दिया गया. पार्टी की केंद्रीय इकाई चाहती है कि बाबूलाल मरांडी को अध्यक्ष बनाने का लाभ आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिले. इसलिए उन्हें क्षेत्र भ्रमण का बड़ा दायित्व दिया गया है. बाबूलाल मरांडी को सभी 81 विधानसभा सीटों में जनसभा करनी है. कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 10 अक्टूबर तक सभी विधानसभा में उनके कार्यक्रम हो जाएं. इन यात्राओं के दौरान प्रदेश स्तर के नेताओं को लगाया गया.
संकल्प यात्रा में जमीनी हकीकत का पता चला
झारखंड में भाजपा के लिए सत्ता में वापसी एक चुनौती भरा संकल्प है. 2019 में सत्ता से बाहर हुई भाजपा के लिए रास्ते आसान नहीं हैं. इसलिए जनाधार को टिकाए और बढ़ाए रखने के लिए बड़े प्रयास करने की जरूरत है. पार्टी के लिए बाबूलाल मरांडी एक बड़ा चेहरा हैं. उनके भरोसे जंग जीतने की कोशिश हो रही है. संकल्प यात्रा के दौरान बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जबरदस्त हमला किया. संथाल परगना क्षेत्र में बाबूलाल मरांडी की स्वीकार्यता देखी गई. पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोग भी उन्हें सुनने और देखने के लिए पहुंचे. शहीद स्थल भोगनाडीह से शुरू हुई यात्रा पाकुड़ में संपन्न हो गई. यह पहला चरण अच्छा एहसास दे गया है.
बाबूलाल मरांडी के व्यक्तित्व की खासियत जानिए
भाजपा अध्यक्ष और राज्य के पहले मुख्यमंत्री रह चुके बाबूलाल मरांडी में कुछ खास गुण भी हैं. झारखंड को बहुत करीब से जानते हैं बाबूलाल मरांडी झारखंड हर क्षेत्र से अवगत हैं. पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं तक को वे जानते हैं, वह भी नाम से. इसके अतिरिक्त संगठन तैयार करने और उसे मजबूत बनाने में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है. अच्छे संगठन कर्ता के रूप में भाजपा की केंद्रीय इकाई भी उन्हें मान्यता देती है. संकल्प यात्रा के दौरान संगठन का अलग-अलग क्षेत्रों में हाल भी उन्होंने जान लिया है. इसका उन्हें लाभ मिलेगा. बुद्धिजीवियों का कहना है कि बाबूलाल मरांडी झारखंड में शिबू सोरेन के बाद दूसरे बड़े आदिवासी नेता हैं.