वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी में रिफॉर्म्स एक बड़ा कदम है। आत्मनिर्भर भारत के लिए यह एक क्रांति साबित होगा।इससे अधिसंख्य आबादी को बड़ा लाभ मिलेगा।नवरात्र के सूर्योदय से ही लोगों को यह लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बचत उत्सव भी बताया है। जीएसटी में सुधार एक क्रांति से काम नहीं है। भारत की आर्थिक यात्रा आज एक निर्णायक मोड़ पर है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले एक दशक में जिस प्रकार पारदर्शिता, सुशासन और विकास के मार्ग पर भारत आगे बढ़ा है। उसमें वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी एक मील का पत्थर है। 2017 में जीएसटी कर प्रणाली लागू की गई उसके बाद यह अब तक का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार है जिसने केवल कर प्रणाली को सरल बनाया बल्कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी आर्थिक आधार दिया है। मालूम हो कि हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक में जो अगली पीढ़ी के सुधार लागू किए गए हैं, वे न केवल कर संरचना को आसान बनाते हैं बल्कि आम आदमी किसान, मध्यम वर्ग,एमएसएमई और उद्योग जगत सभी को नई ऊर्जा और राहत प्रदान करते हैं।

-दो दो स्लैब संरचना : पारदर्शिता और सरलता का युग-
पहले जहां 5 ℅, 12% ,18% और 28% टैक्स लगते थे। उन्हें सिर्फ दो टैक्स स्लैब में बदल दिया गया है।इससे कराधान का ढांचा अधिक पारदर्शी, न्याय संगत और पालन में आसान होगा।
* जीएसटी सुधारों ने घरेलू आवश्यक वस्तुओं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, भारतीय ब्रेड पर कर घटकर 5% या शून्य कर दिया जिससे सामर्थ्य में वृद्धि हुई।
* जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें 12% से घटकर सुनने या 5% कर दी गई जिससे स्वास्थ्य सेवा सस्ती हो गई।
* दो पहिया वाहन, छोटी कारें, टेलीविजन,एयर कंडीशन, सीमेंट पर 28% से घटाकर टैक्स 18% कर दिया गया है जिससे मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी।
* कृषि मशीनरी और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है जिससे कृषि कार्य में लागत में कमी आएगी।
ये परिवर्तन केवल आंकड़ों में कमी नहीं, बल्कि मध्यम वर्ग के घरों की बचत किसानों की उत्पादन लागत में कमी और छोटे उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि के प्रत्यक्ष उपाय हैं।
*सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सुधार*
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा हमेशा से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण पर केंद्रित रही है। यह दृष्टिकोण इन सुधारों में परिलक्षित होते हैं-
-शिक्षा: किताब, पेंसिल, क्रेयॉन, शार्पनर और ज्योमेट्री बॉक्स जैसी वस्तुएं अब शून्य या पांच प्रतिशत जीएसटी पर मिलेंगे। इससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को शिक्षा ग्रहण में सुविधा होगी।
-स्वास्थ्य : दवाओं और मेडिकल उपकरणों पर दरों में कटौती से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान होगी।जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी छूट ने हर परिवार को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया है।
-कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था : टैक्स की कम दरों पर कृषि मशीनरी जैविक कीटनाशक और मधुमक्खी पालन उपकरण मिलने से किसानों की लागत घटेगी और आत्मनिर्भर खेती को बल मिलेगा।
-कल और संस्कृति : हस्तशिल्प, मूर्तियां,खिलौने और लोक कला पर टैक्स दरें घटकर 5% की गई है इससे ग्रामीण कारीगरों और परंपरागत कलाकारों की आजीविका सुरक्षित होगी और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण मिलेगा।
*आर्थिक विकास का बहुगुणक प्रभाव :-
जीएसटी सुधार केवल कर घटाने का कम नहीं है यह विकास का गुणकतंत्र हैं-
काम कीमतें – अधिक मांग – बढ़ी हुई खपत
खपत में वृद्धि – उद्योगों का उत्पादन- बढ़ेगा- रोजगार के अवसर सृजित होंगे
उद्योगों की मजबूती- सरकार के खजाने में राजस्व वृद्धि- सामाजिक योजनाओं में निवेश
पिछले वर्षों में यह देखा गया है कि कम दरों और बेहतर अनुपालन से राजस्व वसूली में वृद्धि हुई है।औसत मासिक संग्रह 2017-18 के 82000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2.04 लाख करोड़ हो गया है। करदाताओं का डेरा 66 लाख 50 हजार से बढ़कर एक करोड़ 51 लाख तक जा पहुंचा है यह न केवल आर्थिक औपचारिकता को बढ़ाता है बल्कि देश की वित्तीय नियम को भी मजबूत करता है झारखंड के संदर्भ में लाभ झारखंड एक खनिज समृद्ध औद्योगिक और साथ ही कृषि प्रधान राज्य है यहां मध्यम वर्ग मजदूर किसान और छोटे व्यापारी बड़ी संख्या में रहते हैं नई जीएसटी संरचना से निर्माण सामग्री और सीमेंट सस्ते होने से आवासीय योजनाओं और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को गति मिलेगी कृषि उपकरण सस्ते होने से झारखंड के छोटे किसान लाभान्वित होंगे और अपनी बचत वाली सिंचाई प्रणालियों लोकप्रिय होगी छोटे उद्योगों स्टार्टअप्स और हस्तशिल्प कारीगरों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की लागत घटने से ग्रामीण और आदिवासी परिवारों की जेब पर बोझ कम होगा झारखंड बीजेपी का संकल्प है कि इन सुधारो को राज्य के हर नागरिक तक पहुंचाया जाए ताकि सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास की नीति साकार हो सके राजनीतिक और वैचारिक दृष्टिकोण भाजपा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने आगे कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दृष्टि हमेशा राष्ट्र प्रथम समाज सर्वोपरि रही है जीएसटी सुधार इसी दिशा में एक ठोस कदम है यह सुधार मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों को राहत देता है जो भाजपा की समाज केंद्रित राजनीति का मूल है यह सुधार किसने और कार्यक्रमों को सम्मानजनक जीवन देता है जो आत्मनिर्भर भारत का आधार है यह सुधार औद्योगिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है जिससे भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था यह आपके लिए दिवाली का तोहफा है वास्तव में यह केवल एक कर कटौती नहीं बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता का पर्व है चुनौतियां और आगे की राह भाजपा संसद में यह भी कहा है कि संडे निशान दे सुधरो की सफलता तभी सुनिश्चित हो सकेगी जब राज्यों को राजस्व का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त सहयोग मिले दूसरा डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए छोटे व्यापारियों को कर अनुपालन में सरलता हो तीसरा उपभोक्ताओं को तत्काल राहत सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी नियत रानी तंत्र हो बीजेपी झारखंड और वे संसद के रूप में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह सुधार झारखंड की धरती पर वास्तविक परिवर्तन लेकर आए निष्कर्ष जीएसटी सुधार 2025 केवल कर प्रणाली का सरलीकरण नहीं बल्कि यह नए भारत की आर्थिक क्रांति है इससे जहां गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिली है वहीं किसानों छोटे उद्योगों और कार्यक्रमों को भी नई दिशा मिली है यह सुधार भारत की यात्रा को गति देगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा झारखंड की जनता और पूरे भारत को यह भरोसा होना चाहिए कि भाजपा की नीतियां सदैव समाज हित और राष्ट्रहित के लिए समर्पित हैं।
डॉ प्रदीप कुमार वर्मा,
राज्यसभा सांसद, महामंत्री, झारखंड भाजपा।












