नई दिल्ली : महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया.इतना बड़ा धार्मिक समागम पूरे विश्व में नहीं हुआ था.मध्य कल में ही कुछ लोग या फिर संगठनों ने यह सवाल उठाने शुरू कर दिया था कि करोड़ों लोगों के स्नान की वजह से प्रयागराज के संगम स्थित गंगा में जल स्नान के उपयुक्त नहीं रहा था.
परंतु भारत सरकार ने सोमवार को संसद में एक रिपोर्ट पेश की है.केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोकसभा में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के संसद के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि समय-समय पर संगम के आसपास के गंगाजल की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया.जल में सभी तत्व मौजूद थे.केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगातार इसकी जांच की बोर्ड की ही रिपोर्ट को भूपेंद्र यादव ने सदन में पेश किया. इसलिए यह बिल्कुल गलत है कि गंगा का जल स्नान करने लायक नहीं था एनजीटी के निर्देश के अनुरूप रिपोर्ट तैयार की गई थी.महाकुंभ के 45 दिन के कालावधि के बीच में अलग-अलग स्थान से गंगाजल का सैंपल इकट्ठा किया गया था जिनका परीक्षण हुआ.