रांची : सरला बिरला विश्वविद्यालय (SBU ) के महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए देश में बड़े पैमाने पर जागरुकता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में पर्यावरण संबंधी कई कानून हैं, आवश्यकता है तो इनके कड़ाई से अनुपालन की। विकसित देशों की तरह आज अगर हम इन कानूनों का सख्ती से पालन करें, तो आनेवाले समय में कई क्रांतिकारी परिवर्तन इस दिशा में देश में देखने को मिलेंगे। इसके लिए हमें अपनी मानसिकता को भी बदलना होगा। वे ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर विवि परिसर में ‘प्लास्टिक प्रदूषण का अंत’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग ने इंडियन नॉलेज सिस्टम (आईकेएस) के सहयोग से किया।
इस कार्यक्रम में आईकेएस की सेंटर इंचार्ज प्रो. नीलिमा पाठक, आईक्यूएसी के निदेशक डॉ. संदीप कुमार, डॉ. प्रियंका मिश्रा एवं डॉ. आर. एन. झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विषय परिचय डॉ. स्वातिलेखा महतो और धन्यवाद भाषण सुधीर कुमार ने दिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीन मेंटर्स द्वारा सरला बिरला विश्वविद्यालय को ग्रीन यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता और गोल्ड रैंकिंग से सम्मानित किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया गया। डॉ. पाठक ने विश्वविद्यालय परिवार की ओर से पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। कार्यक्रम में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की शपथ भी ली गई। इस अवसर पर डॉ. गौतम तांती, डॉ. अरविंद भंडारी समेत अन्य शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान, कुलपति प्रो सी जगनाथन एवं राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कार्यक्रम के आयोजन और विश्वविद्यालय को ग्रीन रैंकिंग प्रदान किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया है।