रांची: झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा हैं,बता दें कि झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स की ओपीडी और सदर अस्पताल में हर दिन 100 से ज्यादा मरीज डेंगू या डेंगू जैसे लक्षण लेकर पहुंच रहे है. अस्पताल की ओर से बताया जा था है कि चिकित्सकों की ओर से जांच लिखने के बावजूद भी लोग जांच करने से कतरा रहे हैं, और नतीजा हर दिन डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं,पूरे राज्य में इस साल अब तक डेंगू के 584 और चिकनगुनिया के 223 मरीज पाए गए हैं. उल्लेखनीय है कि एक दर्जन से ज्यादा जिले डेंगू और कम से कम 11 जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं.पूरे राज्य में जमशेदपुर की स्थिति सबसे खतरनाक बनी हुई है जहां पर चार लोगों की मौत हो गई है.
डेंगू के मामले पर जमशेदपुर पहले स्थान पर
जमशेदपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है बताया जा रहा है कि जमशेदपुर में 475 मरीजों की पुष्टि हुई है. सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल, एमजीएम अस्पताल और टीएमएच में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है ताकि मरीज़ जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए, लेकिन शहरी क्षेत्र ज्यादा प्रभावित है. स्वास्थ्य विभाग की टीम क्षेत्र में घूम-घूम कर लोगों के घर में जल जमाव की जांच भी कर रही है और इसके साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है ताकि लोग डेंगू के शिकार न हो ,लेकिन बावजूद इसके लापरवाही के कारण लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं.एक सप्ताह के भीतर राज्य में चार मरीजों की मौत डेंगू से हो गई है. ये सभी जमशेदपुर के रहने वाले है.
डेंगू के मामले पर रांची दूसरे स्थान पर
रांची दूसरे स्थान पर है और यहां एक मरीज की मौत हो चुकी है.रांची में डेंगू के 56 और चिकनगुनिया के 72 मरीज चिन्हित किए गए हैं. यह आंकड़ा भी मैक एलाइजा टेस्ट का है. इनमें से 75 से 80 मरीज ऐसे हैं जिनकी एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. इलाज करा रहे मरीजों के लिए प्लेटलेट्स की कमी हो गई है.
विशेषज्ञों का कहना
डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज झारखंड के सभी जिलों में मिल रहे हैं और ऐसे में विशेषज्ञों में इसके बचाव को लेकर जानकारियां दी है विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसको लेकर जागरूक करने की जरूरत है, डेंगू मच्छर का लार्वा गंदे पानी में पनपता है, और गांव के लोग गंदे पानी में मच्छर से बचाव के लिए छिड़काव करते हैं लेकिन ठहरे हुए साफ पानी में छिड़काव नहीं करते हैं. डॉक्टर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 40 से 50 और फीस थी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है.