अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2025 कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व, संयुक्त राष्ट्र एवं 12 देशों के प्रतिनिधि रहे उपस्थित
राँची: यह झारखंड के लिए गर्व की बात है। इस राज्य की बेटी ने झारखंड समेत पूरे भारत का नाम दुनिया में ऊंचा किया है। झारखंड की राजधानी रांची की जया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर राज्य और देश का मान बढ़ाया है। जया ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 2025 के उपलक्ष्य में श्रीलंका में आयोजित वैश्विक सम्मेलन में भारत की प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया और भागीदारी निभाई।
यह विश्वस्तरीय कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति, श्रीलंका के गृह मंत्री, तथा दुनिया के 12 देशों के प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
इस सम्मेलन के दौरान मानवाधिकार संरक्षण, लैंगिक समानता, युवा नेतृत्व और वैश्विक शांति से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
जया ने मंच से भारत की नीति, दृष्टिकोण और जमीनी प्रयासों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत किया। उनकी प्रभावशाली भागीदारी को अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से सराहा।
इस उपलब्धि से परिवार और शहर में खुशी का माहौल
जया की इस उपलब्धि से राँची और झारखंड में खुशी की लहर है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों एवं सामाजिक संगठनों ने जया को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने राज्य की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।

जया ने कहा कि यह अवसर उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है और वे भविष्य में मानवाधिकारों के क्षेत्र में देश की आवाज़ को और मजबूत करने के लिए कार्य करती रहेंगी।जया रांची DPS की छात्रा रही हैं। फिलहाल कंप्यूटर इंजीनियर हैं।वह शहीद पाण्डेय गणपत राय की प्रपौत्री और डॉ वंदना राय और एवं डॉ राजेश कुमार लाल की पुत्री हैं।












