रांची कोल इंडिया के अनुसांगी इकाई सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड यानी सीसीएल की पिपरवार प्रोजेक्ट में लगभग 29 वर्ष पूर्व फर्जी दस्तावेज के आधार पर की गई नियुक्त से संबंधित मामले में सीबीआई कोर्ट ने आज सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में 23 लोगों को दंड दिया है. यह मामला 1995 का है जिसमें कोलियरी के लिए अधिग्रहीत जमीन के एवज में जमीन के मालिक या आश्रित को नौकरी देने के प्रावधान में फर्जीवाड़ा हुआ था. गलत और फर्जी दस्तावेज के आधार पर दो चरणों में 28 लोगों ने सीसीएल में नौकरी ले ली थी. 1998 में इसका भंडाफोड़ हुआ.
फर्जी कागजात के आधार पर सीसीएल कंपनी में पिपरवार प्रोजेक्ट के अंतर्गत 28 लोगों की नियुक्ति की सीबीआई जांच शुरू हुई जिस समय यह नियुक्ति हुई थी उसे समय पेपर बार प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक हरिद्वार सिंह थे उन्हें भी अभियुक्त बनाया गया. इसके अलावा 22 अन्य अभियुक्त बनाए गए.वैसे सभी 28 लोगों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल किया गया था लेकिन इनमें से तीन सरकारी गवाह बन गए. तत्कालीन पिपरवार प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक हरिद्वार सिंह पर 50000 का जुर्माना लगाया गया है. बाकी 23 अन्य लोगों को 2-2 हज़रजु रुपये जूर्माना लगाया गया है.