रांची :जमीन घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी की ओर से तीसरा समन भेजा गया है.अब उन्हें ईडी ने 9 सितंबर को बुलाया है.पिछली बार 2022 में अवैध खनन मामले में सीएम सोरेन से ईडी के रांची स्थित जोनल ऑफिस करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी.इस मामले में ईडी ने एक आईएएस अधिकारी समेत 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आवास पर छापेमारी की गई थी,और पंकज मिश्रा को गिरफ्तार भी किया गया था.
उल्लेखनीय है कि ईडी ने रांची जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए पहली बार 14 अगस्त को बुलाया था लेकिन मुख्यमंत्री पहले समन पर उपस्थित नहीं हुए. इस दौरान उन्होंने एक पत्र ईडी को भेजा था. जिसमें उन्होंने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कानून की शरण में जाने की बात कही थी और वहीं ईडी से समन वापस लेने की मांग की थी. जिसके बाद ईडी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जवाबी पत्र भेजते हुए दूसरा समन भेज दिया था, जिसमें उन्हें 24 अगस्त को आने को कहा गया था. लेकिन उस दिन भी सीएम उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने इस मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अब मुख्यमंत्री को 9 सितंबर को ईडी के जोनल ऑफिस में पेश होना है.
*हालांकि ईडी की ओर से आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है लेकिन भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक ट्वीट से झारखंड की सियासत तेज हो गई है ,उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है ‘चाय 9 सितंबर?’ इसको लेकर कयास लगाया जा रहा है कि यह सीएम हेमंत सोरेन को ईडी की ओर से तीसरे समन के बारे में है*
इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री को ईडी से भागना नहीं चाहिए.उन्हें डटकर पूछताछ में हिस्सा लेना चाहिए. अगर कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर पूछताछ से भागने की जरूरत नहीं है. संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक जांच एजेंसी के कामकाज में सहयोग करना चाहिए. उधर कांग्रेस के डॉ तौसीफ अहमद का कहना है कि आई एन डी आई ए यानी इंडिया को लेकर केंद्र की मोदी सरकार डरी हुई है और अपनी केंद्रीय एजेंटीयों के माध्यम से झारखंड के मुख्यमंत्री को डरा रही है.यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.