रांची : केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत गणना करने का फैसला लिया है। इस पर भाजपा के नेता पूरे देश में प्रेस कॉन्फ्रेंस किए हैं और कर रहे हैं।केंद्र की मोदी सरकार को इसके लिए क्रेडिट दे रहे हैं।रांची में भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।उन्होंने कहा कि कल 30 अप्रैल अक्षय तृतीया का पावन दिन और देश के जन्म नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक विषयों को लेकर के जो कैबिनेट की बैठक हुई उसमें जातिगत गणना को इस बार के जनसंख्या के गणना में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि 1931 के बाद से यह देश इसका इंतजार कर रहा था। प्रधानमंत्री को हम धन्यवाद देते हैं। उनका आभार व्यक्त करते हैं कि उनके नेतृत्व में भारत सरकार के द्वारा लिए गए इस निर्णय से इस देश का जो वंचित समूह है या वर्ग है, उसके लिए न केवल लक्षण योजनाएं एवं नीतियां बनाई जा सकेंगी बल्कि उनके विकास के लिए क्षेत्रवार एक अलग से कारगर और प्रभावी कार्य योजना हम बना सकेंगे।1931 में जब अंतिम बार जनगणना में जातीय की गणना हुई थी तो देश पराधीन था। 41 में अंग्रेजी शासन ने जातियों की गणना नहीं करवाई लेकिन देश की आजादी 1947 में प्राप्त होने के बाद जब कांग्रेस की देश में सरकार थी तो कांग्रेस को यह जनगणना प्रारंभ करनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस ने किया नहीं उल्टे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तो राज्यों को पत्र लिखकर के कहा और जाति के आधार पर आरक्षण देना।
इस देश को बहुत नुकसान पहुंचाएगा तो इस प्रकार की भावना कांग्रेस की थी और अब जाकर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से राष्ट्रीय जनगणना में जातियों की गणना करने का जो निर्णय लिया गया है।वह एक ऐतिहासिक और मील का पत्थर साबित होने वाला कम है। अब जब प्रधानमंत्री ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है तो श्रेय लेने की एक होड़ सी मच गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं जब आपके पास अवसर था तब आपने ऐसा क्यों नहीं किया।
राजनीतिक लाभ लेने के लिए जरूर कुछ राज्यों में इन्होंने जाति का जनगणना करवाई लेकिन पारदर्शी तरीके से और पिछड़े वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखकर के कभी भी कांग्रेस ने ना तो कोई नीति बनाई ना तो कोई कार्यक्रम तय किया। अब राष्ट्रीय जनगणना में जातियों की गणना करके पूरे देश का एक डाटा कलेक्शन करते हुए सभी वंचित समूहों के कल्याण की एक योजना बनाई जा सकेगी और बिना इसके हम देश को विकसित देश के रूप में 2047 तक खड़ा करने का जो सपना है, उसे पूरा नहीं कर सकते। कांग्रेस लगातार वंचित और पिछड़े समाज के कल्याण के लिए उसकी अनुशंसाओं को लागू करने में भी कांग्रेस हमेशा आयोग नहीं बनाया। प्रधानमंत्री ने पिछला आयोग को बनाकर के उसको संवैधानिक मान्यता प्रदान क।1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी और भारतीय जनता पार्टी जो उसे समय भारतीय जनसंघ के रूप में जानी जाती थी वह सरकार में शामिल थी तो मंडल कमीशन बना करके इस देश के पिछड़े और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है।क्रांतिकारी कदम साबित होने वाली है जो संख्या में बहुत कम है और उचित प्रतिनिधित्व के अभाव में उचित अवसर न मिल पाने के कारण वह लगातार पिछड़ते जा रहे हैं।ऐसे समूह की क्षेत्रवार गणना करके और उसे क्षेत्र में उनके लिए योजना बनाने में सहायता मिलेगी।