रांची- देश विदेश में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है स्थिति ऐसी भयानक हो गई है कि 30 से 40 उम्र वर्ग के लोगों में हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं .हृदय मानव शरीर का अंग है जिससे शरीर का संचालन होता है इसके रुकने या थमने से जिंदगी रुक जाती है. 29 सितंबर को पूरी दुनिया में हृदय दिवस मनाया जाता है. हृदय से संबंधित बीमारी पर ध्यान आकर्षित करने के लिए यह दिवस खास तौर पर मनाया जाता है. इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है.
हृदय दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 से शुरू हुई. 29 सितंबर, 2000 से पूरी दुनिया में विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष एंथोनी बाई डी लूना ने विश्व हृदय दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया था. इस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है.हृदय से संबंधित परेशानी या बीमारी पर चर्चा की जाती है. हृदय से संबंधित बीमारी आज के दौर में बढ़ी है. इसके लिए जागरूकता की कमी भी एक बड़ा कारण रही है.
हृदय रोग के संबंध में बहुत लोग गलतफहमी में रहते हैं. इस कारण से परेशानी उत्पन्न होती है.कभी कभार तो यह जानलेवा साबित होती है. प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत हृदय रोग मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रिम्स के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर हेमंत नारायण का कहना है कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. बेतरतीब जीवन शैली और वर्कलोड के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. कई बार लोग धोखा में अपने रोग को बढ़ाते रहते हैं.गैस से संबंधित बीमारी होने की गलतफहमी पाल कर लोग हृदय रोग को गंभीर बनाते हैं.
भारत समेत पूरे विश्व में हार्ट डिजीज के मामले बढ़े हैं. भारत में भी हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी है. हृदय रोग से संबंधित बीमारियों का इलाज सामान्य रूप से अधिक महंगे होते हैं लेकिन पहले की तुलना में अब इस पर रिसर्च भी खूब हुए हैं. इससे संबंधित इलाज पहले से सर्जरी की सस्ता हुआ है. विश्व स्तर पर लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि 2025 तक हृदय रोग की संख्या में 25 प्रतिशत तक कमी की जाए. भारत समेत पूरी दुनिया में इसकी वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त की जा रही है.(DESK)