रांची-भारत माता के सपूत पंडित दीनदयाल उपाध्याय देश में सामाजिक और वैचारिक क्रांति के अग्रदूत में से एक रहे थे. उनके व्यक्तित्व के कई आयाम रहे हैं.वे भारतीय जनसंघ के नेता थे.पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक प्रखर विचारक, उत्कृष्ट संगठनकर्ता और एक ऐसे नेता थे जिन्होंने जीवनपर्यंन्त अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी व सत्यनिष्ठा को महत्त्व दिया. वे 1980 में स्थापित भारतीय जनता पार्टी के लिए वैचारिक मार्गदर्शन और नैतिक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं.पंडित दीनदयाल उपाध्याय धर्म और संप्रदाय के आधार पर भारतीय संस्कृति का विभाजन करने वालों को देश के विभाजन के लिए ज़िम्मेदार मानते थे.वह हिन्दू राष्ट्रवादी नेता तो थे ही, इसके अलावा भारतीय राजनीति के पुरोधा भी थे. राजनीति की एक नई परिभाषा देने वाले शख्स थे.उनकी मान्यता थी कि हिन्दू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय संस्कृति हैं. दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तक एकात्म मानववाद (इंटीगरल ह्यूमेनिज्म) है. उन्होंने इस पुस्तक में साम्यवाद और पूंजीवाद, दोनों की समालोचना की है.’एकात्म मानववाद’ में मानव जाति की मूलभूत आवश्यकताओं और सृजित क़ानूनों के अनुरुप राजनीतिक कार्रवाई के लिए एक वैकल्पिक सोच दिया गया है. वे मानते थे की राजनीति समाज सेवा का वह उपागम है जिसके माध्यम से इस क्षेत्र में सुचित्रा के साथ मानव कल्याण की अवधारणा को संकल्पित करते हुए पूरा किया जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी के लिए वे प्रेरणा पुरुष हैं.उनकी जन्म जयंती पर पूरे देश में कार्यक्रम हो रहे हैं.झारखंड भाजपा की ओर से भी सभी बूथों पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं.
भाजपा नेता उन्हें जन्म जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर रोशनी डालते हैं. इस मौके पर राज्य के सभी बूथों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जन्म जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय मानव समाज के लिए हमेशा कल्याणकारी सोच रखते थे.समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे लोगों की चिंता करते थे. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश,राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा और बालमुकुंद सहाय ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनके राजनीतिक अवदान पर रोशनी डाली है.(DESK)