नई दिल्ली: भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन का एक पुराना इतिहास रहा है.64 साल का इसका सफर बहुत ही रोमांचक रहा है.भले आज की तारीख में कई निजी चैनल लोगों के बीच हैं. लेकिन दूरदर्शन का स्वर्णिम इतिहास का कोई जोड़ नहीं रहा है.इसके विषय में विस्तार से थोड़ा जानना जरूरी है.
दूरदर्शन भारत सरकार के अधीन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अंतर्गत एक लोक प्रसारक के रूप में स्थापित हुआ. जिस समय दूरदर्शन की स्थापना हुई,उस समय रेडियो ही एक महत्वपूर्ण मनोरंजन और जानकारी का साधन था. 1959 में 15 सितंबर को दूरदर्शन का प्रसारण शुरू हुआ.आज की तारीख को ही इसका स्थापना दिवस माना जाता है. भारत में सबसे पहले टेलीविजन प्रसारण दिल्ली में शुरू हुआ.आरंभ में 18 टेलीविजन सेट के साथ इसका प्रतिदिन आधे घंटे का प्रसारण होता था.दिल्ली में ही एकमात्र ट्रांसमीटर लगा हुआ था.वह समय ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन का था. विश्व स्तर पर टेलीविजन का इतिहास अमेरिका, जापान और जर्मनी से शुरू हुआ था.
दिल्ली के बाद दूरदर्शन के पांव मुंबई में पड़े.1972 में इसका प्रसारण मुंबई वासियों के लिए होने लगा. 1975 में कोलकाता और चेन्नई के लोगों के लिए यह सुविधा उपलब्ध हो पाई. दूरदर्शन के इतिहास में 1982 का साल क्रांतिकारी रहा है.ब्लैक एंड व्हाइट से कलर टेलीविजन का दौर शुरू हुआ.दरअसल 1982 में एशियाई खेल का आयोजन हुआ था.इस आयोजन के मद्देनजर दूरदर्शन का विस्तार तेजी से सरकारी स्तर पर किया गया. यह समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का था. जिस समय दूरदर्शन की स्थापना हुई थी.उस समय आधे घंटे का कार्यक्रम शिक्षा और विकास के विषय को लेकर कार्यक्रमों के प्रसारण के साथ हुआ था.
दूरदर्शन का तेज सफर 1982 से शुरू हुआ.इस दौरान दूरदर्शन का प्रसारण धीरे-धीरे बढ़ता गया. पहले इसका प्रसारण शाम में हुआ करता था.बाद में इसे सुबह में भी किया जाने लगा. धीरे-धीरे दूरदर्शन 24 घंटे का चैनल बन गया.
दूरदर्शन में धारावाहिक का दौरा शुरू हुआ. हम लोग, बुनियाद, रजनी, मालगुडी डेज जैसे कार्यक्रम शुरू हुए. धार्मिक धारावाहिक रामायण और उसके बाद महाभारत का जलवा तो सभी लोग जानते हैं.उसे समय के यह कार्यक्रम आज भी लोग देखना पसंद करते हैं. मनोरंजन के क्षेत्र में दूरदर्शन ने रविवार की शाम को हिंदी फिल्म दिखाना शुरू किया. फिर शनिवार को भी हिंदी फिल्म का प्रसारण शुरू हुआ इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों का भी प्रसारण होने लगा. फिल्मी गीतों पर आधारित कार्यक्रम बुधवार और शुक्रवार को चित्रहार, रविवार को रंगोली देखने के लिए तो लोग टीवी के आगे टूट पढ़ते थे. दूरदर्शन कमर्शियल विज्ञापन दिखाने का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया.
दूरदर्शन के इतिहास में 1994 का साल भी महत्वपूर्ण रहा है .26 जनवरी,1994 से दूरदर्शन का मेट्रो चैनल शुरू हुआ. 1995 से इसका अंतरराष्ट्रीय चैनल डीडी इंडिया शुरू हुआ. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन 23 नवंबर, 1997 में प्रसार भारती निगम का गठन हुआ. खेल इवेंट्स का भी प्रसारण दूरदर्शन पर 1999 से शुरू हुआ. साल 2002 से दूरदर्शन का समाचार चैनल 24 घंटे पर प्रसारित हो रहा है. 64 साल के इस खूबसूरत सफर के बारे में जानकर आप जरूर आह्लादित होंगे. आज भी दूरदर्शन जैसा बड़ा नेटवर्क दुनिया में कुछ ही देश के पास है.
दूरदर्शन के 64 साल के इतिहास पर गौर करें तो यह जरूर लगेगा कि पिछले दो दशक के कालखंड में निजी चैनल्स ने अपने पांव पसारे हैं. लेकिन विश्वसनीयता और गुणवत्ता पर दूरदर्शन आज भी मजबूती से खड़ा है. आज भी इसका सबसे बड़ा नेटवर्क है. पिछले 64 साल के इस स्वर्णिम सफर पर देशवासी दूरदर्शन के इतिहास को याद कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शन के स्थापना दिवस की मौके पर देशवासियों को बधाई दी है.सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि दूरदर्शन ने टेलीविजन के इतिहास में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है.दुनिया में दूरदर्शन की साख महत्वपूर्ण रही है.