डुमरी: झारखंड में डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम मुकाम पर पहुंच रहा है.3 सितंबर की शाम 5 बजे चुनाव प्रचार अभियान समाप्त हो जाएगा. चुनाव का परिणाम क्या होगा,यह तो 8 सितंबर को पता चलेगा लेकिन एक बात तो जरूर है कि भाजपा और आजसू का गठबंधन बड़ा मजबूत दिखा है. भाजपा की तरफ से पूरी ईमानदारी देखी जा रही है.
डुमरी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी के लिए भाजपा के प्रमुख नेताओं ने इतनी ताकत लगाई है.उन्हें जिताने में सभी लोग पूरी ईमानदारी से लगे हुए हैं.ऐसा लग रहा है जैसे इस सीट पर भाजपा के नेता ही चुनाव लड़ रहे हैं. नावाडीह के महेंद्र साहू का कहना है कि आजसू से अधिक भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इस उप चुनाव में चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं.
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि हर क्षेत्र में भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं की टोली काम कर रही है. मेहनत का रिजल्ट जरूर आएगा.
सबसे अधिक मेहनत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी खूब मेहनत कर रहे हैं. अपनी संकल्प यात्रा के गैप के दौरान हुए गिरिडीह के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में जम रहे. इस दौरान उन्होंने भाजपा बूथस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया इसके अलावा कई जनसभाओं को भी संबोधित किया है. उनकी मेहनत रंग ला रही है.
सामान्य रूप से यह माना जा रहा था कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव एकतरफा रहेगा. एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी के लिए वे खूब मेहनत कर रहे हैं. क्षेत्र की जनता को यह विश्वास दिला रहे हैं कि क्षेत्र के विकास के लिए बदलाव जरूरी है. दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी सरकार में मंत्री बेबी देवी के लिए भी सरकार के घटक दल के नेता प्रचार में लगे हुए हैं. पर जो समर्पण और मेहनत भाजपा और आजसू के कार्यकर्ता दिखा रहे हैं, वह उल्लेखनीय है. पूर्व के चुनाव की तुलना में इस बार मतदान कम से कम 10 प्रतिशत अधिक होगा. क्षेत्र के मतदाता बहुत कुछ खुलकर नहीं कह रहे हैं. एआइएमआइएम के प्रत्याशी की मौजूदगी का थोड़ा बहुत असर हो सकता है. सूत्र बताते हैं कि अधिकांश मुस्लिम मतदाता झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी को वोट दे सकते हैं. इसलिए ओवैसी फैक्टर बहुत ज्यादा नहीं देखा जा रहा है. बड़ी संख्या में इस उप चुनाव में युवा भागीदारी लेने को तैयार हैं. यह एक महत्वपूर्ण फैक्टर हो सकता है. युवाओं का मन मिजाज चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकता है.
बाबूलाल मरांडी के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश,पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के अतिरिक्त कई भाजपा विधायकों ने भी यहां चुनाव प्रचार किया है.केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी यहां लगाया गया है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि दो महिलाओं के बीच इस चुनावी जंग में मुकाबला रोचक हो गया है. यह सोचा जा रहा था कि स्वर्गीय जगन्नाथ महतो की धर्मपत्नी बेबी देवी को चुनाव में एक तरफा समर्थन मिलेगा. अब यह बात नहीं रही है. बुद्धिजीवियों का कहना है कि इमोशनल कार्ड की अपनी एक सीमा होती है. क्षेत्र के लोग विकास को तरजीह देना चाहते हैं. खासकर युवाओं में यह देखा जा रहा है कि वे सरकार से निराश हैं.राज्य सरकार के द्वारा अभी तक स्थानीय नीति और नियोजन नीति नहीं बनाने का गुस्सा दिख रहा है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा का कहना है कि डुमरी की जनता इस बार ऐतिहासिक निर्णय देने वाली है.
बहरहाल, यह देखा जा रहा है कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की तरह ही मतदाता बहुत ज्यादा सक्रिय हैं. चौक चौराहे पर चुनाव की चर्चा हो रही है. 5 तारीख को अधिक से अधिक संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसी 8 सितंबर को मतगणना होगी. बुद्धिजीवी बताते हैं कि इस उपचुनाव में वोट पोलराइजेशन बिल्कुल इस तरह से होगा कि एक तरफ एनडीए और दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के लोग यानी यूपीए का एलायंस अपनी ताकत दिखा पाएगा. एनडीए का पलड़ा कमजोर नहीं आंका जा सकता है.
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