रांची: झारखंड सरकार के कुशल मार्गदर्शन में नगर विकास एवं आवास विभाग लगातार शहरों की स्वच्छता का कार्य कर रहा है। परिणामस्वरूप हर वर्ष भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कराए जानेवाले स्वच्छ सर्वेक्षण में झारखंड और झारखंड के शहर अपना परचम लहरा रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 का परिणाम 17 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में घोषित हो रहा है जिसमें झारखंड के जमशेदपुर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और बुंडू को केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री के हाथों सम्मानित किया जाएगा । इसी दिन शहरों की स्वच्छता रैंकिंग भी जारी होगा ।
मालूम हो कि शहरी स्वच्छता को और बेहतर करनें के लिए राज्य के सभी 49 नगर निकायों में कई प्रयास किए जा रहे हैं। हाल के दिनों में शहरों में डोर टू डोर कचरा उठाव उसके सेग्रीगेशन और डिस्पोजल को लेकर तेजी से कार्य हुआ है तथा ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। कई शहरों में इसके लिए प्लांट अधिष्ठापित किया गया है तो ज्यादातर शहरों में ऐसे प्लांट निर्माणाधीन हैं।
*स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में विभाग और निकायों द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदम।*
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 से पहले सभी निकायों में बैठक,कार्यशाला और कैंपेन आयोजित हुआ।
समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित करनें के लिए कार्यक्रम चलाए गए।
डोर टू डोर वैस्ट कलेक्शन सुनिश्चित कराया गया।
सेग्रिगेशन एंड प्रोसेसिंग ऑफ वैस्ट को प्राथमिकता दी गयी।
पीट कंपोस्टिंग एंड ऑनसाइट कंपोस्टिंग के लिए नगर निकायों और नागरिकों को प्रोत्साहित किया गया।
रीसाइक्लर्स को नगर निकायों के साथ जोड़ा गया।
कैरी बैग को वैन किया गया और सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी लायी गयी।
स्वच्छता ऐप के माध्यम से सफाई से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निदान किया गया।
*शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड का प्रदर्शन।*
गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में झारखंड की स्थिति बहुत प्रशंसनीय नहीं थी। पर लगातार स्वच्छ सर्वेक्षण 2017,2018,2019,2020,2021,2022 और 2023 में राज्य की जनता के सहयोग और शहरी निकायों तथा राज्य सरकार के कुशल मार्गदर्शन में राज्य नें स्वच्छता के क्षेत्र में कई सम्मान प्राप्त किए हैं। वर्तमान समय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व और विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार के कुशल मार्गदर्शन तथा सफाईकर्मियों के प्रति संवेदनशीलता का हीं नतीजा है कि आज राज्य के शहर देश के बडे और संपन्न शहरों से मुकाबला कर रहे हैं।