रांची/ गोड्डा : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाजपा के सदस्य हैं। विधानसभा चुनाव से पहले चंपाई सोरेन भाजपा में आए। बेटा को भी लाए। विधानसभा चुनाव में अपनी सीट बचा पाए। बेटा को भी नहीं जीता पाए।
चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। हेमंत सोरेन जब जेल गए तो फिर चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर गए। पांच महीने जेल में रहने के बाद हेमंत सोरेन जब वापस आए तो फिर इच्छा नहीं होने के बाद भी विधायकों की चाहत के हिसाब से चंपाई सोरेन को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।
इधर-उधर का माहौल समझने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा गदगद थी। चंपाई सोरेन जैसा झारखंड का सितारा मिल गया। चुनाव में चाचा ( चंपाई सोरेन) और भतीजा (हेमंत सोरेन) के बीच आरोप प्रत्यारोप का बाजार गर्म हो गया। चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन जीत गया। चंपाई सोरेन का जलवा विधानसभा चुनाव में नहीं दिखा।
लेकिन चंपाई सोरेन के बारे में यह कयास लगाया जाने लगा कि वे जेएमएम में वापस आ जाएंगे। पल ऐसा नहीं हुआ। चंपाई सोरेन फिलहाल हेमंत सोरेन की नींव कमजोर करने में लग गए। इसलिए हेमंत सोरेन की नज़र में चंपाई सोरेन खटकने लगे। वैमनस्यता बढ़ती जा रही थी। भोगनाडीह में चंपाई सोरेन हूल दिवस पर बड़ा कार्यक्रम करने के लिए लग गये। शहीद सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू को आगे करके आदिवासी समाज में अपनी छवि को भारी भरकम बनाने का प्रयास किया।
भोगनाडीह में हूल दिवस पर भारी बवाल हुआ। कई लोग घायल हो गए प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा ।वंशज के लोग सबसे पहले पूजा करना चाहते थे ।लेकिन प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। शहीद के परिवार के सदस्य और आदिवासी समाज के लोग पहले पूजा करना चाहते थे। प्रशासन जिद पर अड़ गया।ताला तोडकर अंदर प्रवेश करने से मामला गरमा गया। लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए। कई लोग घायल हो गए। मामला गरमा गया। पूरे झारखंड में पुतला दहन का कार्यक्रम भाजपा ने रखा।
मंगलवार को ही गोड्डा पलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के एक सहयोगी सुधीर कुमार को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। सुधीर कुमार के अलावा गणेशकुमार नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आरोप यह है कि सुधीर कुमार के पास अवैध हथियार मिला। इसके अलावा अन्य सामग्री भी बरामद हुई। पुलिस के अनुसार भोगनाडीह में बवाल का मास्टरमाइंड सुधीर कुमार है।उसे गिरफ्तार कर लिया गया।सवाल यह उठता है कि चंपाई सोरेन का सहयोगी सुधीर कुमार के पास से हथियार कहां से आया और इसकी जरूरत क्या थी। लोगों का कहना है कि चंपाई सोरेन का सहयोगी सुधीर कुमार एक पकड़ा गया। आरोप यह भी लगा कि भोगनाडीह में हिंसा का मास्टरमाइंड था। भाजपा ने इसे गलत कहा है। गोड्डा पुलिस की यह कार्रवाई समझ से परे है। बताया जा रहा है कि चंपाई सोरेन के सहयोगी उनका सोशल मीडिया अकाउंट चलाते थे। भाजपा के सदस्य थे। अब सवाल यह उठता है कि सुधीर कुमार के पास पुराना कट्टा कहां से आया। और इसकी क्या जरूरत है भाजपा नेता वरुण साहू ने कहा कि यह सब हेमंत सरकार ने कराया है। इस तरह की कोई बात नहीं है न।पुलिस किसी के इशारे पर यह सब कर रही। सुधीर कुमार को गलत फंसाया गया है। भोगनाडीह में जो घटना हुई उसके पीछे साजिश है।