रांची/श्रीनगर: कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर वादी की शांति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हमले में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक अधिकारी की निर्मम हत्या कर दी गई, वहीं रांची के कांके निवासी मयंक कुमार हमले के कुछ ही देर पहले मौके से हटे, जिससे उनकी जान बच गई।
मयंक, जो दिल्ली में एक निजी कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर हैं, अपनी शादी की पहली सालगिरह के अवसर पर पत्नी संग कश्मीर घूमने आए थे। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे वे पहलगाम की पहाड़ियों की ट्रेकिंग पर गए और दोपहर करीब 1 बजे लौटे। लगभग आधे घंटे के भीतर ही इलाके में आतंकी हमला हो गया।
मयंक ने बताया, “हम होटल पहुंचे ही थे कि अचानक पुलिस सायरनों की आवाजें गूंजने लगीं। चारों ओर अफरातफरी का माहौल था। कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन फिर खबर आई कि इलाके में गोलीबारी हुई है।” उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें हौसला दिया और घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई।
इस भयावह हमले में आईबी अधिकारी मनीष रंजन की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मूल रूप से बिहार के निवासी मनीष इन दिनों हैदराबाद में तैनात थे और अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने कश्मीर आए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनकी हत्या उनके पत्नी और बच्चों के सामने हुई, जो घटना से गहरे सदमे में हैं।
मनीष रंजन पहले रांची में भी कार्यरत रह चुके थे और उनके सहकर्मी उनकी कार्यशैली, विनम्र स्वभाव और देशभक्ति के लिए उन्हें याद कर रहे हैं। यह हमला सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तो खड़े करता ही है, साथ ही पर्यटकों के बीच एक बार फिर डर का माहौल पैदा कर गया है।
मयंक ने बताया कि वे मंगलवार सुबह श्रीनगर के लिए रवाना होंगे। “यहां हर तरफ सन्नाटा है, लोग डरे हुए हैं। हम बस सुरक्षित निकल जाना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
कश्मीर की खूबसूरत वादियों में फैले इस खौफ का जवाब अब पूरे देश को मिलकर तलाशना होगा – ताकि मनीष रंजन जैसे जांबाज़ अफसरों की शहादत व्यर्थ न जाए।