रांची: झारखंड कांग्रेस एक तरफ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रेस हो चुकी है तो वहीं दूसरी ओर पार्टी में गुटबाजी की खबरें लगातार सामने आती है. इसके बाद यह भी कहा जाता है कि पार्टी में एक बड़ा बदलाव हो सकता है.झारखंड कांग्रेस के कई नेता दिल्ली में कैंप भी करते है. कई नेता आलाकमान से मुलाकात कर झारखंड की परिस्थिति से अवगत भी कराते रहे हैं.झारखंड में कांग्रेस दो गुट में बट चुकी है, एक गुट का कहना है कि राजेश ठाकुर के नेतृत्व में संगठन मजबूत हुआ है.इहलिए कोई कारण नहीं कि कोई नेतृत्व परिवर्तन हो , वहीं दूसरे गुट का कहना होता है कि राजेश ठाकुर को अध्यक्ष पद से हटाना चाहिए. उनके कार्यकाल में कोई भी बेहतरीन कार्य नहीं हुए हैं.
गौरतलब है की झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के कार्य को लेकर शुरुआती दिनों से ही लगातार पार्टी में आवाज मुखर होती रही है. शुरुआती दिनों से राजेश ठाकुर को पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह की पसंद भी बताया गया है. और फिर एनसीपी से आये नेता के रूप में निंदा भी की गई है.
कांग्रेस आगामी चुनाव को लेकर अपने संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है. इसी कड़ी में 16 अगस्त को दिल्ली में आलाकमान के साथ झारखंड के 35 नेताओं की बैठक रखी गई थी, इस बैठक में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में बैठक रखी गई थी, इस बैठक में आलाकमान ने झारखंड के सभी 35 नेताओं को दिशा निर्देश दिया कि कैसे जनता के बीच जाना है और तमाम मुद्दों को प्रमुखता से उठाना है, वहीं झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने जानकारी दी कि कांग्रेस के चार मंत्री ही जनसंपर्क की यात्रा करेंगे.यात्रा के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दे पर जन सुनवाई करेंगे ताकि आम जनता के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं की उम्मीद को पूरा किया जा सके. इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए राज्य सरकार में बनी समन्वय समिति आने वाले समय में विशेष पहल भी करेगी.इसके तहत सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कैसे राज्य में सभी 14 लोकसभा सीटों पर इंडिया की जीत सुनिश्चित की जाए.
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी तो इस बार कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करे.इसको लेकर रणनीति बना रही है.तब 14 लोकसभा सीट में से 12 सीटें NDA (BJP+AJSU) ने जीत ली थीं और UPA को दो ( CONGRESS-01 + JMM-01) सीटें मिली थी. इस बार कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है और इसको लेकर लगातार बैठकों का दौर शुरू हो गया है.