*AG की आडिट रिपोर्ट में झारखंड की स्वास्थ्य सेवा का बड़ा खुलासा जानिए*
रांची – झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति पर ऑडिट की रिपोर्ट आई है. एजी की रिपोर्ट में इस संबंध में बड़ा खुलासा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा हुआ है. पिछले 5 साल में स्वास्थ्य विभाग था की व्यवस्था सवालों के घेरे में रही है.प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने विधानसभा के पटल पर रखी गई रिपोर्ट के बाद अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बहुत सारी जानकारी दी.
*स्वास्थ्य सेवा के बारे में झारखंड की स्थिति के संबंध में क्या है रिपोर्ट*
प्रधान महालेखाकार झारखंड हिंदू अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति अच्छी नहीं है. कोरोना काल के संबंध में खुलासा करते हुए प्रधान महालेखाकार ने कहा कि पैसे पड़े रह गए लेकिन लोगों का ठीक तरीके से इलाज नहीं हुआ. रेमडेसिविर जैसी प्राण रक्षक दवाई का जरूरतमंदों के पीछे ठीक तरीके से वितरण नहीं हुआ.इस दवा की कालाबाजारी भी हुई. रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि स्वास्थ्य सेवा मैं कई तरह की खामियां पाई गई हैं.निम्न स्टैंडर्ड की दवाइयों का वितरण किया गया. यह भी देखा गया कि उपकरण तो है लेकिन उन्हें चलाने वाला नहीं है. ऑपरेशन थिएटर में उपकरण का भी अभाव देखा गया. महिलाओं के लिए प्रसव से जुड़ी दवाइयों की भी कमी पाई गई. झारखंड में दवा खरीद करने वाली कंपनी ने मात्र 22% ही दवाइयां खरीदी. कोरोना कल में जो फंड उपलब्ध था उसका मंत्र 33% ही खर्च किया गया.
एजी की रिपोर्ट आने के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है.भाजपा ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था की आज दयनीय स्थिति इसी कारण से है कि राज्य की हेमंत सरकार जनता के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था करने में असफल रही है. झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के संबंध में जो खुलासा हुआ है वह निश्चित रूप से चिंता का विषय है. कोरोना कल के समय झारखंड सरकार की व्यवस्था की तारीफ हो रही थी. वायरस वाली यह बीमारी सैकड़ो लोगों की जान ले ली थी.