..प्रयागराज महाकुंभ ने विश्व समुदाय का आकर्षण खींचा, बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं महाकुंभ, सनातन संस्कृति का बज रहा डंका..
प्रयागराज: सनातन धर्म में महाकुंभ वह समागम स्नान स्थल है जहां यह मान्यता है कि इसका स्नान कर लेने से सभी पाप धुल जाते हैं. पुनर्जन्म में विश्वास करने वाले सनातन धर्म के लिए यह मौका होता है जब उन्हें यह विश्वास होता है कि इस महाकुंभ से अगर उन्होंने जीवन में जाने अनजाने गलतियां की हैं तो उससे वे निवृत हो जाएंगे और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति है. हिंदू धर्म में स्वर्ग गमन तपस्या का प्रतिफल माना जाता है. इसलिए लोग जीवन भर यथा संभव अच्छे काम करने के लिए प्रेरित होते हैं.
जब मनुष्य का विवेक किसी ने किसी दबाव या लोभ में पड़ जाता है और वह कुछ गलती कर जाता है जिससे सामान्य रूप से उसे नहीं करना चाहिए. पाप और पुण्य की कसौटी पर अगर ऐसा कोई कार्य हो जाता है जिसे नहीं करना चाहिए या सीधे शब्दों में यह कहें कि पाप हो गया है तो मनुष्य को यह गलती ताउम्र सालती रहती है. वह जीते जी उसका प्रायश्चित करना चाहता है. धार्मिक अनुष्ठान कर अपनी गलती को मानते हुए पुण्य के भागी बनना चाहते हैं.क्षमा चाहता है.
यह महाकुंभ जो लगभग डेढ़ महीने तक चलता है और इस दौरान कई शाही स्नान होते हैं जिन्हें अलग-अलग नाम से जाना जाता है.गंगा,यमुना और सरस्वती के संगम तट पर महाकुंभ के दौरान पावन स्नान कर पाप मुक्त होने की सोच या अवधारणा से प्रेरित होते हैं.
हिंदू धर्म में इस विश्वास का ही नजारा प्रयागराज महाकुंभ में हो रहा है.करोड़ों लोग यहां पवन स्नान के लिए ठंड में आ रहे हैं.गौर करने वाली बात है कि दक्षिण भारत के करोड़ों सनातनधर्मी स्नान के लिए इस महाकुंभ में आ रहे हैं. सनातन के लिए यहां खुश होने वाली बात है. इतना ही नहीं मानव संख्या के हिसाब से इस सामूहिक अनुष्ठान या आयोजन की विदेश में भी चर्चा हो रही है. अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा (NASA) ने भी महाकुंभ के बारे में चर्चा स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, इंग्लैंड,इटली,जर्मनी, दक्षिण कोरिया के मीडिया में भारत के प्रयागराज महाकुंभ के बारे में आलेख भी प्रकाशित हो रहे हैं.इतने बड़े मानव समागम का उल्लेख या उनकी चर्चा बहुत लाजिमी है. दुनिया के नामचीन लोग आ रहे हैं.स्टीव जॉब्स की पत्नी यहां आकर पूजा की. इसके अलावा बिल गेट्स भी यहां पहुंचे.दुनिया के प्रमुख कॉरपोरेट घरानों के लोग यहां आ रहे हैं. यह दर्शाता है कि सनातन धर्म है कि कुछ-कुछ घटनाओं को लेकर अपने ही घर यानी देश के लोग ही इतने बड़े आयोजन की कमी को निकालने पर पड़े हैं.राजनीतिक विरोध के लिए विरोध करना यहां के कुछ राजनीतिक दलों की आदत सी बन गई है. भगदड़ जैसी घटना पर भी राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण माना जा रहा है. परंतु यह सच है कि इतने बड़े आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतरीन व्यवस्था की है.
भगदड़ जैसी घटना निश्चित रूप से चिंता का विषय है परंतु जिस तरह से वहां पर सरकारी महकमा ने व्यवस्था संभाली वह तारीफ के काबिल है.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों से व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.