रांची: सरला बिरला विश्वविद्यालय (SBU) और सिनोदिक स्पेस लैब्स के संयुक्त तत्वावधान में नाइट स्काई ऑब्जर्वेशन पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ. विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हो रही इस कार्यशाला में दर्शक खगोलीय जानकारी से रूबरू होने के अलावा रात्रिकालीन खगोलीय अवलोकन भी कर पाएंगे.कार्यक्रम में विभिन्न स्कूल-कॉलेजों की टीमें भाग ले रही हैं.इस मौके पर विशेषज्ञ प्रखर जैन ने खगोलीय रहस्यों के बारे में विस्तार से बताया. छात्रों व शिक्षकों के सवालों का विशेषज्ञ प्रखर जैन ने जवाब भी दिया.
कार्यशाला के पूर्व अपने संबोधन में मुख्य अतिथि एसबीयू के महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों की चर्चा की. उन्होंने इसपर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारे स्पेस रिसर्च में लगातार हो रही प्रगति का ही परिणाम है कि आज चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर दुनिया दांतों तले उंगली दबा रही है. आज के दौर में लोगों की आकाशगंगा और अन्य खगोलीय घटनाओं पर बढ़ रही रुचि की भी उन्होंने चर्चा की. एसबीयू को रिसर्च यूनिवर्सिटी में तब्दील करने और क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के विवि परिवार के प्रयासों की भी उन्होंने जानकारी दी.
अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सी जगनाथन ने भारतीय ज्ञान परंपरा में हमारे पूर्वजों के योगदान पर विस्तार से बताया. इस क्रम में उन्होंने प्राण, गति और मुहूर्त के साथ खगोलीय घटनाक्रमों के संबंधों पर प्रकाश डाला. आधुनिक विज्ञान और रूढ़िवादी मान्यताओं पर भी उपस्थित श्रोताओं को उन्होंने जानकारी दी. आईटी और मैनेजमेंट के इतर स्पेस सेक्टर में प्रचुर संभावनाओं पर भी उन्होंने फोकस करने का विद्यार्थियों से आह्वान किया. कार्यशाला के विषय में डॉ. बी. सामंता ने विस्तार से जानकारी दी. इसके अलावा गुरु नानक स्कूल के प्राचार्य कैप्टन सुमित कौर, जेवीएम श्यामली के शिक्षक कोऑर्डिनेटर शशांक कुमार सिन्हा एवं सरला बिरला पब्लिक स्कूल के शिक्षक कोऑर्डिनेटर आलोक कुमार और नीलांशु कुमार को भी सम्मानित किया गया.
कार्यशाला के अवसर पर प्रतिभागियों को ग्रहों, तारों, तारामंडल और आकाशगंगा की विभिन्न खगोलीय घटनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव होगा. इसके लिए डॉबसोनियन, न्यूटोनियन एवं अन्य अत्याधुनिक टेलीस्कोप की सहायता ली जा रही है. कार्यशाला विवि को विज्ञान आधारित नॉलेज हब बनाने की दिशा में कुलपति के प्रयासों की दिशा में एक कड़ी है.
कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो विजय कुमार सिंह एवं विवि के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए. विवि के माननीय प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान ने कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की.