*नेताजी की जयंती आज, रांची से जुड़ा रहा सुभाष चंद्र बोस का नजदीकी रिश्ता*
रांची: आजाद हिंद फौज के प्रवर्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. जयंती के मौके पर उन्हें सभी लोग याद कर रहे हैं. अंग्रेजों के खिलाफ फौजी कार्रवाई के बड़े पक्षधर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचार और व्यक्तित्व एवं कृतित्व आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं.उनके जीवन प्रसंग को आज भी लोग बहुत ही रुचि के साथ जानना चाहते हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रांची से बड़ा महत्वपूर्ण रिश्ता रहा है.अंग्रेजों के लिए रांची काफी सुखद और सुकून भरा स्थान माना जाता था.यहां की आबोहवा अंग्रेजों को बहुत भाती थी. यही कारण था कि अखिल भारतीय स्तर पर रांची का स्वतंत्रता सेनानियों के साथ भी रिश्ता रहा.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रांची के लालपुर स्थित फणिंद्र नाथ आयकत के परिवार से नजदीकी रिश्ता रहा. आयकत फैमिली के घर आज भी नेताजी से जुड़े प्रसंग संस्मरण के रूप में उपलब्ध हैं.यह परिवार इतने सालों बाद भी उस कुर्सी और टेबल को आज भी संभाल कर रखा है. डॉ फणिंद्र नाथ चटर्जी की कार जिस पर सवार होकर नेताजी रामगढ़ कांग्रेस के अधिवेशन में गए थे,वह आज भी दर्शनीय है.
1940 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस 3 दिन के लिए रांची में रहे थे. अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन कर रहे छोटे बड़े संगठन ने उनका स्वागत किया. आजादी की लड़ाई के लिए उनके नेतृत्व को समर्थन दिया. स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने नेताजी को एक लाठी भेंट की थी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का झारखंड की इस धरती से बड़ा नजदीकी रिश्ता रहा है. धनबाद जिले के अंतर्गत गोमो रेलवे स्टेशन पर वे अंतिम बार दिखाई दिए थे. विदेश रवाना होने से पहले उन्हें यहीं पर सार्वजनिक रूप से देखा गया था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का झारखंड से नजदीकी रिश्ता था. उनकी जयंती के मौके पर प्रमुख लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेताजी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने भी जयंती के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी है. झारखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता, महामंत्री और राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक अलग दिशा दी.उनके विचार आज भी युवाओं के लिए देशभक्ति के पाठ पढ़ाते हैं.