नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा की मातृ संस्था है.इस संगठन संगठन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है.अनुशासन और राष्ट्रभक्ति के लिए यह संगठन देश और दुनिया में विख्यात है .संगठन का स्वरूप बड़ा है.1925 में इसका गठन किया गया था.अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने वाले हैं.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर 1966 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस बात पर प्रतिबंध लगा दिया था कि इसमें कोई भी सरकारी कर्मी शामिल नहीं हो सकता है.इसकी गतिविधियों से सरकारी कर्मियों को दूर रहना है.
केंद्र की मोदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है.यानी प्रतिबंध के 58 साल बाद यह प्रतिबंध हटाए गये हैं.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के लिए काम करता है.समाज के लिए काम करता है .वनवासी लोगों के लिए काम करता है.इसकी कई इकाइयां अलग-अलग क्षेत्र में काम करती हैं.पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण भाव से देश की सेवा की सोच रखने वाला यह संगठन आज दुनिया भर में विख्यात है.इसका मुख्यालय नागपुर है.भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग ने पत्र जारी कर यह कहा है कि 1966 में लगा प्रतिबंध समीक्षा के बाद हटाया जाता है जिस समय प्रतिबंध लगाया गया तो उस समय यह तर्क दिया गया था कि इस संगठन पर राजनीतिक प्रभाव है.इसलिए सरकारी कर्मी इसमें इसकी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते लेकिन आज यह पाबंदी हटा ली गई है. अब इसकी गतिविधियों में सरकारी कर्मी भी शामिल हो सकते हैं.
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