रांची- सामान्य रूप से कोई भी मुख्यमंत्री किसी भी राज्य में जा सकता है और वहां पर उसके रहने खाने और सुरक्षा का इंतजाम संबंधित राज्य सरकार करती है.यह पूरे देश में लागू है.भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा जो सर्कुलर बनाया गया है उसके हिसाब से कोई मुख्यमंत्री अगर किसी राज्य में जाता है तो वह उसका राजकीय अतिथि होता है.वह भी सामान्य दिनों में अगर कहीं कोई चुनाव नहीं हो तो संबंधित राज्य सरकार उसे अतिथि मानकर सारा खर्च उठाती है.लेकिन झारखंड में भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री के आने और उन पर होने वाले सरकारी खर्च को राज्य के खजाने पर भार माना जा रहा है.इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बयान दिया था कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक कारणों से झारखंड आ रहे हैं लेकिन उनके सेवा सत्कार में राज्य सरकार का पैसा खर्च हो रहा है.इधर असम के मुख्यमंत्री ने अपने उत्तर में कहा कि सारा बिल झारखंड सरकार दे दे,असम की सरकार उसका भुगतान कर देगी.इस संबंध में स्पेशल ब्रांच असम सरकार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि उनके मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा के झारखंड प्रवास के दौरान जो भी खर्च हो रहा है पुलिस विभाग उसका बिल भेज दे, असम सरकार उसका भुगतान कर देगी.यह पत्र 18 जुलाई को गुवाहाटी से प्रेषित किया गया है.यह पत्र असम सरकार के अपर पुलिस महानिदेशक हिरेन चरण नाथ ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह को भेजा है.
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