रांची- ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार सुबह-सुबह सब की नींद नोटों की गड्डियों को दिखाकर की.टीवी चैनल और सोशल मीडिया में खबर चलने लगी कि ईडी ने करोड़ों रुपए कैश बरामद किए हैं.लोगों की आंखें फटी रह गईं.वैसे झारखंड के लोगों ने पहले भी बहुत पैसा देखा है.कैसे सांसद धीरज साहू के ठिकानों से अरबों रुपए कैश बरामद हो चुके हैं.ताजा मामला राज्य सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ा हुआ है.इनके सरकारी कोटे से आप्त सचिव सचिव लाल कज नौकर के घर से नोटों का भंडार मिला है गाड़ी पर गाड़ी निकलते जा रहे हैं और समाचार लिखे जाने तक गिनती जारी है बैंक के अधिकारियों को नोट गिरने वाली मशीन लेकर बुलाया गया आलमगीर आलम झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं बताया जा रहा है कि एड वीरेंद्र राम से जुड़े मनी लांड्री मामले की छानबीन कर रही है वीरेंद्र राम पहले से ही जेल में बंद है ऐसे में ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े मामलों की छानबीन में केंद्रीय एजेंसी को पता चला कि बहुत सारा खेल हुआ है इसलिए जांच और तेज की गई. कैश कहां रखे गए थे इसके बारे में छानबीन की गई.
प्रवर्तन निदेशालय ने तकनीकी आधार पर जांच करते हुए छापेमारी शुरू की.सोमवार सुबह बरियातू, सेल सिटी थड़पखना, दीनदयाल नगर में छापेमारी की गई जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए.आलमगीर आलम के सरकारी कोटे से आप्त सचिव संजीव लाल के आवास में भी छापेमारी की गई.मोटे तौर पर यह पता चला कि सारा पैसा थड़पखना में जहांगीर आलम नामक उस व्यक्ति के पास है जो संजीव लाल का नौकर या सहायक कहलाता है. जहांगीर आलम के घर से झोला का झोला कैश बरामद किया गया.कैश की संख्या इतनी थी कि इस गिनने के लिए चार नोट गिनने वाली मशीन मंगाई गई. पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को बुलाकर पैसे गिनवाए गए.
वैसे समाचार लिखे जाने तक तो गिनती जारी थी लेकिन मोटे तौर पर 25 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किए गए हैं.इसके अलावा ज्वेलरी भी और कई डिजिटल दस्तावेज भी प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त किए हैं.संजीव लाल से भी पूछताछ की जा रही है.इधर आलमगीर आलम ने कहा है कि संजीव लाल उनके पर्सनल सेक्रेटरी है जो सरकारी कोटा से हैं.वह पहले भी मंत्री के आप्त सचिव रह चुके हैं.इस मामले में उनके नाम आने की चर्चा पर बहुत सरलता से कहा कि क्योंकि संजीव लाल उनके आप्त सचिव है.इसलिए नाम आ ही सकता है.
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