*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आखिर किस साजिश के बारे में कह रहे हैं, भाजपा ने क्या समझाया रहस्य, जानिए*
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में एक बार कड़कदार आवाज में फिर एक बार आरोप लगाया है कि जब भी केंद्र से राज्य का बकाया मांगते हैं तो उन्हें डराया धमकाया जाता है और जेल भेजने की साजिश रची जाती है. जाहिर सी बात है कि मुख्यमंत्री लगातार इस बात का आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र के पास झारखंड का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपया बकाया है. वे अक्सर कभी जनसभा में तो कभी सरकारी बैठकों में चर्चा करते हैं.
*मुख्यमंत्री ने चाईबासा में आयोजित सभा में फिर यह कहा*
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा के गोइलकेरा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि केंद्र के पास कोयला कंपनियों के द्वारा झारखंड में उत्खनन करने के एवज में 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया है. केंद्र के मोदी सरकार से लगातार इसकी मांग की जा रही है. लेकिन यह दिया नहीं जा रहा है.बोलने पर उन्हें ईडी के माध्यम से जेल भिजवाने की साज़िश रची जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा एक आदिवासी मुख्यमंत्री को साजिश कर प्रताड़ित करने का काम कर रही है.
*अब जानिए भाजपा ने क्या कुछ कहा मुख्यमंत्री पर पर*
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ताजा बयान के बाद भाजपा भी रेस हो गई है.उसका कहना है कि मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने क्या कुछ किया है और वह एक न एक दिन इसमें फंसने वाले हैं. इसलिए वह केंद्र पर बकाया राशि होने की बात कह कर एक माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं.दरअसल मुख्यमंत्री को यह पता है कि आखिर होना क्या है. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पीसी में कहा कि मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं है. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए आज के देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस आई टी की जांच में पूरा सहयोग किया था उनसे 10 घंटे तक मुख्यमंत्री होते हुए भी पूछताछ की गई थी और उस समय केंद्र की यूपीए सरकार के समय में उन्हें क्लीन चिट दी गई थी.सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें निर्दोष बताया.
इधर प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पता है कि उन्होंने क्या किया है.इसलिए वह ईडी के पास पूछताछ के लिए जाने से भाग रहे हैं. मुख्यमंत्री को कानून का सम्मान करना चाहिए. अगर उन्होंने कोई गलती नहीं की है तो फिर उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. आदिवासी मुख्यमंत्री होने का विक्टिम कार्ड खेलकर मुख्यमंत्री बच नहीं सकते हैं. कानून तो अपना काम करेगा ही.