पूरे राजकीय सम्मान के साथ कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की अंतिम विदाई
रांची : कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो को बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. प्रमुख लोगों में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी. सीएम हेमंत सोरेन ने रांची स्थित लोयोला मैदान पहुंचकर कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया. इससे पहले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने डॉ. कामिल बुल्के पथ स्थित संतमारिया गिरिजाघर जाकर कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की. तेलेस्फोर पी टोप्पो के लिए मिस्सा प्रार्थना में भी सीएम शामिल हुए.उसके बाद रांची के पुरुलिया रोड स्थित संत मारिया महागिरजाघर में कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो को दफन किया गया.
*राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने क्या कहा*
राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज डॉ. कामिल बुल्के पथ, राँची स्थित संत मारिया गिरिजाघर जाकर कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की.झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कहते हैं, “…हमारे कार्डिनल की मृत्यु दुखद है क्योंकि उन्होंने हर समय समाज के लिए काम किया.उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासी और दलित लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया.
*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि*
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज लोयला मैदान पहुंचे जहां उन्होंने कार्डिनल तेलेफोर पी टोप्पो को श्रद्धांजलि दी, हम मौके पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी,सांसद विजय हंसदा, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, बंधु तिर्की,राजेश ठाकुर,गीता श्री उरांव ने श्रद्धांजलि दी.
*बंधु तिर्की ने कार्डिनल के साथ बिताए हुए दौर को किया याद*
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की कार्डिनल के काफी नजदीक थे. बंधु तिर्की हर बार कार्डिनल से मिलने चर्चा जाया करते थे.मीडिया से मुखातिब होते हुए बंधु तिर्की ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा की मैं और कार्डिनल एक साथ जन्मदिन मनाते थे क्योंकि कार्डिनल और मेरा जन्मदिन एक ही दिन को हुआ करता था, आगे बंधु तिर्की ने कहा कि 15 अक्टूबर को उनकी कमी बहुत खलेगी,क्योंकि हम दोनों एक साथ जन्मदिन मनाते थे.
*एशिया के पहले आदिवासी बिशप*
कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो एशिया के पहले आदिवासी विशप थे. उनका जन्म 15 अक्टूबर,1939 को झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर में 15 अक्टूबर,1939 को हुआ. आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले टोप्पो घर में दस भाई-बहानों में आंठवें स्थान पर थे. बचपन से ही उनका स्वभाव मानव की सेवा करना और ईश्वर के प्रति आस्था रखने वाला था. कार्डिनल बहुत याद आएंगेलेकि.भले वे इस संसार को छोड़कर चले गए हों लेकिन लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे.(करिश्मा)