रांची : संत जेवियर्स कॉलेज, रांची के स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा 12 से 14 अप्रैल तक तीन दिवसीय 6वां विश्व स्वच्छ पर्यावरण शिखर सम्मेलन एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय बेनेवोलेंट रिसर्च फाउंडेशन (कोलकाता), ग्लोबल वार्मिंग रिडक्शन सेंटर (कोलकाता) और कॉलेज की आईक्यूएसी इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जैव विविधता, पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे समसामयिक विषयों पर वैज्ञानिक सोच और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
सम्मेलन की शुरुआत 12 अप्रैल को फादर प्रूस्ट सभागार में विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव के स्वागत भाषण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। उद्घाटन सत्र में आईबीआरएफ के अध्यक्ष डॉ. सुबीर मुखोपाध्याय ने पर्यावरणीय क्षरण के पीछे मानव लालच को जिम्मेदार ठहराया। वहीं कनाडा के लेथब्रिज विश्वविद्यालय से डॉ. सैकत कुमार बासु ने वैश्विक पर्यावरणीय संकट पर प्रकाश डाला।
दूसरे दिन चार तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ, जिनमें शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने 95 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें से 10 को उत्कृष्ट माना गया। साथ ही, पोस्टर प्रेजेंटेशन सत्र ने शोधार्थियों को अपने कार्य को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर दिया। इस दिन डॉक्टरेट दीक्षांत समारोह का भी आयोजन हुआ।
सम्मेलन के दौरान प्रमुख वक्ताओं में प्रो. बी.के. सिन्हा, डॉ. अनिता सिन्हा, डॉ. गोपाल शर्मा (डॉलफिन रिसर्च), डॉ. जनार्दन (मखाना रिसर्च), डॉ. चंद्रशेखर चक्रवर्ती (पूर्व कुलपति) और डॉ. सुदीप बरात शामिल थे।
अंतिम दिन वक्ताओं ने जैव प्रौद्योगिकी, पारिस्थितिकी, और मानवजनित शोषण जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। समापन सत्र में मौखिक और पोस्टर प्रस्तुति विजेताओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
इस सम्मेलन में 170 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें झारखंड समेत देशभर के विश्वविद्यालयों से आए शोधार्थी, प्रोफेसर और छात्र शामिल थे। सम्मेलन ने ज्ञान-विनिमय, सहयोग और पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का समापन प्राध्यापिका स्वर्णिमा झा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। मौके पर डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. फादर केनेडी सोरेंग, जेसिका हांसदा, अरोमा बारला, सुनिधि समेत कॉलेज के अन्य प्राध्यापक भी मौजूद थे।