रांची- 23 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान में युवा आक्रोश रैली का आयोजन किया गया था.भारतीय जनता युवा मोर्चा के बैनर तले यह रैली बुलाई गई थी.उसके बाद मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम रखा गया था.पुलिस की ओर से उकसाने वाली कार्रवाई हुई.प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जब संबोधित कर रहे थे तभी मैदान में जहां काफी संख्या में लोग थे, उन्होंने गोले दागने शुरू कर दिए.आंसू गैस के गोले दागने से अफरातफरी फैल गई. भाजपा नेताओं का कहना है कि यह उकसाने वाली करवाई थी.
भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता काफी संयमित तरीके से अपना कार्यक्रम कर रहे थे.उधर पुलिस का कहना है कि सबसे पहले भीड़ की ओर से पत्थरबाजी शुरू हुई जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और आत्मरक्षा में यह आंसू गैस के गोले दागे गए. भाजपा नेताओं का कहना है कि पुलिस की बर्बरता ने जलियांवाला बाग कांड की याद दिला दी.इधर 23 तारीख को बैरिकेडिंग तोड़ने और कथित उपद्रव के आरोप में रांची जिला प्रशासन ने लालपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराया है जिसमें 51 भाजपा नेताओं को नाम जड़ किया गया है.12000 से अधिक लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.विभिन्न धाराओं के तहत सरकारी काम में बाधा और उपद्रव फैलाने निषेधाज्ञा उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा है कि पुलिस की यह कार्रवाई उल्टे चोर कोतवाल को डांटे वाली जैसी है.भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इससे डरने वाले नहीं है.ऐसे फर्जी मुकदमा से वे घबराने वाले नहीं है.वे कानून का सम्मान करते हैं.प्रदीप वर्मा ने यह भी कहा कि मोरहाबादी मैदान को जिस प्रकार से प्रशासन ने सील पैक किया था वह बिल्कुल गलत था.