हेमन्त सरकार आश्वासन की सरकार!अब एनसीपी ने लिया समर्थन वापस, राज्यपाल को सौपेंगे समर्थन वापसी का पत्र
रांची – राजनीतिक क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण खबर आई है.NCP ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. जानिए पूरा मामला. झारखंड में हेमन्त सरकार आई तो लोगों को उम्मीद थी कि अब युवाओं की सरकार बनी अब राज्य तरक्की करेगा.पर सरकार बने चार साल हो गए. युवा सड़क पर उतर गए. मजदूर परेशान है.ऐसे में अब एनसीपी भी सरकार पर वादाखिलाफ़ी का आरोप लगाया है.और हेमन्त सरकार को एक बड़ा झटका दिया.एनसीपी ने इस सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी है.इसकी जानकारी एनसीपी प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष कमलेश सिंह ने प्रेस वार्ता में दी.
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार से लगातार हुसैनाबाद को जिला का दर्जा देने, बालू घाटों की बंदोबस्ती कराने, पलामू जिला के पांच अंचलों के त्रुटिपूर्ण सर्वे की ऑनलाइन प्रविष्टियों को ठीक करने व अधिकारियों की पदस्थापना की मांग लगातार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की गई.अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला, एक भी समस्या का समाधान जान बूझ कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नहीं किया.
उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद से पलामू के जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर दूर है. आम जनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.जबकि हुसैनाबाद जिला बनने की सभी अहर्ताएं पूरी करता है.बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने की वजह पीएम आवास के लाभुक मकान नहीं बना पा रहे हैं.उपर से अधिकारी उन्हें एफआईआर करने की धमकी दे रहे हैं। बालू के अभाव में विकास कार्य पूरी तरह बाधित हैं. ठेकेदार व निजी मकान बनाने वाले लोग ऊंची कीमत पर बालू की खरीद कर अपना काम कर रहे हैं. जिससे सरकार को राजस्व की भारी हानी हो रही है, वहीं पुलिस और अधिकारी मालामाल हो रहे हैं. बालू नहीं मिलने की वजह सीमेंट, छड़ समेत गृह निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री के विक्रेताओं का धंधा चौपट हो गया है.हुसैनाबाद अनुमंडल में विगत दो माह से पुलिस का महत्वपूर्ण पद एसडीपीओ का प्रभार में चल रहा है.जिससे विधि व्यवस्था की बड़ी समस्या उत्पन्न होने का अंदेशा है.उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद हरिहरगंज के विभिन्न प्रखंडों व अंचलों के अलावा अन्य विभागों में अधिकारी नहीं है.सभी जगह प्रभारी से किसी तरह कार्य कराया जा रहा है. जिससे आम लोगों का काम समय पर नहीं हो रहा है. इन समस्याओं का समाधान नहीं होने की वजह सरकार के साथ बने रहने का कोई औचित्य नहीं है.यही वजह है की सरकार का साथ छोड़ आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.जल्द ही आंदोलन की रूप रेखा तय कर अनुमंडल, जिला और राज्य मुख्यालय में चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा. आंदोलन के माध्यम से अहंकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मांगें पूरी करने पर मजबूर कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को सरकार के कारनामों से अवगत कराने का काम भी एनसीपी के कार्यकर्ता करेंगे.
एनसीपी के प्रदेश प्रवक्ता सूर्या सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन ने हुसैनाबाद को जिला नहीं बना कर हुसैनाबाद की जनता का विश्वास खो दिया है.वहीं राज्य में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं कर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से अपनी जेब गरम करने का काम मुख्यमंत्री और मंत्री कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि द्वेष की भावना से एसडीपीओ की पदोन्नति के बाद हुसैनाबाद को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नहीं दिया गया.साथ ही प्रखंडों और अंचलों में बीडीओ सीओ की पोस्टिंग नहीं कर आम जनता को परेशान करने की कोशिश की जा रही है. एनसीपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. एनसीपी का एक एक कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री और उनकी सरकार की पोल खोलने का काम करेंगे. प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश के नेताओं के अलावा जिला स्तर के सभी प्रकोष्ठ के पदधारी मौजूद थे.