*लंबे संघर्ष के बाद शिक्षकों को मिला नियुक्ति पत्र जानिए विस्तार से*
रांची: नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थियों को झारखंड में बधाई संघर्ष करना पड़ता है. इस संघर्ष के कारण कई वर्ष बीत जाते हैं.लंबे संघर्ष के बाद 827 माध्यमिक शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र वितरित किए गए. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यहां काम करवाना मतलब शेर के मुंह से अनाज निकालना.
राजधानी रांची के मोरहाबादी में सोमवार को हाई स्कूल शिक्षकों को 827 अभ्यर्थियों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र दिया.बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से इसकी तैयारी पिछले दिनों ही पूरी कर ली गई थी. नियुक्ति पत्र वितरण समारोह मोरहाबादी स्थित स्वर्गीय रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में किया गया. नियुक्ति पत्र वितरण के साथ-साथ सरकारी स्कूल के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर जय गुरुजी ऐप भी लॉन्च किया गया.ऐप पर कक्षा 1 से 12वीं तक की सभी किताबें भी उपलब्ध रहेंगी.पढ़ाई के लिए कक्षा बार चैप्टर के अनुरूप वीडियो और ऑडियो उपलब्ध है.
*सबसे ज्यादा संस्कृत विषय के शिक्षकों के बीच बांटा गया नियुक्ति पत्र*
समारोह में संस्कृत विषय के सबसे अधिक 228 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया. गणित के 24, हिंदी 73 ,अंग्रेजी 46, इतिहास 17, भूगोल 29, रसायन 82, कॉमर्स 36, अर्थशास्त्र 47,गृह विज्ञान 19, कुडुख के 10,उर्दू के 27,संताली 1 और 188 खेल शिक्षक के बीच नियुक्ति पत्र बांटे गए.
*पूर्व मई में भी बाटा गया था नियुक्ति पत्र*
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार नियुक्ति पत्र बताते हुए नजर आ रहे हैं. इससे पूर्व मई में 3469 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. इसमें सबसे अधिक शिक्षक पश्चिमी सिंहभूम के हैं जबकि सबसे कम पांच-पांच शिक्षक खूंटी और लोहरदगा जिले के हैं. वहीं रांची के 8 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया.
*क्या कह रहे सफल अभ्यर्थी*
2016 के बाद माध्यमिक शिक्षक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे. दरअसल 11,13 जिलों को लेकर कई विवाद सामने आए थे. मामला कोर्ट तक चला गया था.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियुक्ति का रास्ता खुला है, आज उसी को लेकर लगभग 827 माध्यमिक शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र बांटा गया सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे.साथ ही साथ अभ्यर्थियों का कहना है कि घर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी क्योंकि पिछले 7 साल से सिर्फ नियुक्ति की मांग कर रहे थे. कभी कैंडल मार्च तो कभी आंदोलन कर सरकार तक बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन असफल अभ्यर्थियों का कहना था कि अंत भला तो सब भला.
*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति को लेकर दिया बयान*
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति को लेकर कहा है कि पिछले एक साल के अंदर सभी विभागों में सबसे ज्यादा नियुक्ति पत्र बांटा गया है.आगे सीएम ने कहा कि बहुत मेहनत से आज आपलोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.आपलोग हमारे स्वाभिमान को बरकरार रखें.यह उम्मीद करते हैं क्योंकि हम बहुत स्वाभिमानी आदमी हैं, जहां खड़े होते हैं डटकर खड़े होते हैं.इसलिए मेरे लिए कई कांटे रास्ते मे बिछाए जाते हैं. लेकिन आज भी आपके बीच मे ज्यों के त्यों खड़े हैं. साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि यहां काम करवाना मतलब शेर के मुंह से अनाज निकालने जैसा है.
हम आपको बता दें कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पिछले रघुवर सरकार में शुरू हुई थी. राज्य में सरकार बदलने के बाद वर्तमान सरकार ने कुछ नया नियम ला दिया. इस कारण से नियुक्ति लटक गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इनके भाग्य खुले हैं. भाजपा नेता प्रदीप वर्मा ने कहा कि वर्तमान हेमंत सरकार युवाओं को सिर्फ ठगने का काम की है. यह सरकार बेवजह हाल में हुई नियुक्तियों का श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है. क्रेडिट लेने के लिए विज्ञापन पर करोड़ों रुपए बहा दिए जाते हैं.( करिश्मा)