
रांची: ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए पांचवां समन भेजा है. ईडी ने अब उन्हें चार अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है.इससे पहले ईडी की ओर से चार बार समन भेजा ् गया,लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए .बता दें कि सबसे पहले मुख्यमंत्री को ईडी ने 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था. इससे यह कहा जा सकता है कि सोरेन परिवार में कानून का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है . चौथा सामान 23 सितंबर को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचने के लिए था. उस दिन भी वह पहले की तरह संदेशवाहक के माध्यम से पत्र भिजवा दिए.
*मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को किस मामले में ईडी की ओर से भेजा जा रहा समन*
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम सोरेन को पांचवां समन जारी किया है. ईडी ने सीएम को जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए 4 अक्टूबर को बुलाया है.कई कारणों का हवाला देते हुए हेमंत 4 समन के बाद भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे. जिसके बाद ईडी ने 5 वां समन जारी किया है. इससे पहले 23 सितंबर को हेमंत सोरेन ने ईडी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि जब तक झारखंड हाईकोर्ट समन को रद्द करने के लिए दायर उनकी याचिका पर अपना फैसला नहीं सुना देता, तब तक समन पर रोक लगाई जाए.
*4 बार समन पर भी हाजिर नहीं हुए हेमंत सोरेन*
इससे पहले ईडी ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में जब चौथा समन भेजा तो पूछताछ के लिए पेश होने के बजाय उन्होंने अपने सचिवालय के एक कर्मी सूरज को ED के ऑफिस पत्र लेकर पहुंचा.सचिवालय का वह कर्मी ED के दफ्तर में चिट्ठी लेकर पंहुचा जिसमे हेमंत सोरेन ने पेश होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय से कुछ और समय की मांग की.
*शिबू सोरेन लोकपाल मामला: दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित*
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन पर भारत के लोकपाल की जांच से जुड़े मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि यह केस शिबू सोरेन की ओर से कथित रूप से आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने से जुड़ा है.इस मामले में भारत के लोकपाल की ओर से जांच की कार्यवाही शुरू की गई थी और जिसके खिलाफ सोरेन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.अदालत ने पूर्व में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ भारत के लोकपाल की ओर से शुरू की गयी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. फिलहाल यह रोक कोर्ट का फैसला आने तक बरकरार है.
*कब का है मामला*
शिबू सोरेन और उनके परिजनों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल के समक्ष 5 अगस्त 2020 को दायर की गयी थी. इसमें कहा गया था कि सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से अर्जित राशि से अनेक संपत्तियां बनायी हैं.इनमें कई बेनामी आवासीय और कमर्शियल परिसंपत्तियां भी हैं. इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल की फुल बेंच ने 15 सितंबर, 2020 को सीबीआई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले में पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था.सीबीआई ने मामले की जांच के बाद मार्च, 2021 और उसके बाद 1 जुलाई, 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी. इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था.बहरहाल, राजनीति की समझ रखने वाले बुद्धिजीवियों का कहना है कि सोरेन परिवार पर संकट के बादल छा रहे हैं.इस मामले में भाजपा भी हमलावर है. झारखंड मुक्ति मोर्चा पूरी तरह से बचाव की मुद्रा में है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि जनता सब देख रही है कि किस प्रकार से एक मजबूत और जनकल्याणकारी सरकार को परेशान किया जा रहा है . भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का कथित रूप से दुरुपयोग कर रही है.इधर भाजपा का जवाब दिया है कि भ्रष्टाचार करने वाले को मोदी सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. भ्रष्टाचार अपने वाले राजनेता या नौकरशाह बख्शे नहीं जाएंगे.(करिश्मा)











