*बिहार विधानसभा चुनाव का अंतिम पड़ाव लीड दिलाएगा एनडीए को*
न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा आम चुनाव की आधी प्रक्रिया पूरी हो गई है। 121 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा।लोगों ने उत्साह के साथ मतदान किया। मतदान का प्रतिशत 65% से अधिक रहा।लोगों के उत्साह और मतदान के प्रतिशत यह संकेत देते हैं कि बिहार में एनडीए को बढ़त मिलने जा है।वैसे भाजपा ने तो दावा किया है कि लगभग 100 सीटों पर एनडीए की जीत होगी परंतु चुनाव विश्लेषक बताते हैं कि एनडीए को पहले चरण में 72 से 75 सीट पर जीत मिल सकती है।मतदान के रुझान और लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर यह कहा जा सकता है कि वर्तमान एनडीए सरकार और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर लोगों को भरोसा रहा है। पिछले 20 साल के काम को लोगों ने ठीक माना है।
महागठबंधन की ओर से पूरा प्रयास किया गया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाए परंतु अधिकांश वर्ग के लोगों का यह मानना रहा है कि नीतीश सरकार ने विकास के बहुत सारे काम किए हैं।आज बिहार में लोग शांति और सुरक्षा के साथ रह रहे हैं। चुनाव से पूर्व 10000 रूपये महिलाओं को देने की योजना बहुत प्रभावी रही है।
मतदाताओं की नब्ज़ टटोलने से यह महसूस हुआ है कि महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बयानों या घोषणाओं की अपेक्षा राजद नेता तेजस्वी यादव की बातों पर अधिक विश्वास कर रहा है। वैसे हम जानते हैं कि बिहार में चुनाव में जातीय समीकरण बहुत मायने रखता है लेकिन जातीय गोलबंदी को महिलाओं का समर्थन कम करने में सफल रहा है। वहीं नई पीढ़ी मोदी और नीतीश की जोड़ी को विकास के लिए जरूरी मानती है। आज बिहार का जो दृश्य है, इस नई पीढ़ी को उनके अभिभावक तुलनात्मक रूप से लालू राबड़ी शासन का हवाला देकर बेहतर बताते हैं। यह एक बड़ा फैक्टर रहा है।युवाओं की अधिसंख्य संख्या आबादी नीतीश के कामकाज पर विश्वास करती देखी जा रही है।
अब हम बात करते हैं 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के बारे में। जिन क्षेत्रों में मतदान होना है वहां एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है। उत्तरी बिहार से लेकर सीमांचल, पूर्वी बिहार और मगध के क्षेत्र में एनडीए का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद जताई जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी देखी गई है कि बिहार चुनाव में एनडीए पूरी एकजुटता के साथ घटक दलों में समन्वय बनाते हुए चुनाव प्रबंधन और प्रचार प्रसार किया है। जिन क्षेत्रों में मतदान हो चुके हैं वहां के लोग और जिन क्षेत्रों में मतदान होना है, वहां के मतदाताओं के विचार यह संकेत देते हैं कि नीतीश कुमार की कार्यशैली अच्छी रही है।इस भाव का प्रभाव दूसरे चरण के मतदान पर पड़ेगा। 122 में से 80 से 85 सीटों पर एनडीए को जीत मिल सकती है। इस चुनाव में तेजी से चर्चा में आने वाले राजनीतिक दल प्रशांत किशोर के जन सुराज पर अब चर्चा नहीं होती है।यह दल चुनावी तूफान में एक तरह से गायब हो गया है। दूसरी तरफ महागठबंधन की बात करें तो कई स्थानों पर गठबंधन में विरोधाभास दिखा है। समन्वय का भी अभाव देखा गया है।राष्ट्रीय जनता दल के नेता और कार्यकर्ताओं ने मेहनत बहुत की है।परंतु जनता सर्वोपरि है। जो विश्वास की सरकार पर मोहर लगाने जा रही है। यानी इस चुनाव में विश्वास की जीत होने जा रही
है।











