*महात्मा गांधी जयंती – महात्मा गांधी की जुड़ी रांची से कुछ यादें,जानिए बापू कितने बार आए थे रांची और क्यों*
पूरा देश आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मना रहा है. गांधी जयंती के अवसर पर रांची के मोराबादी स्थित बापू वाटिका में तमाम राजनीतिक दलों के साथ-साथ कई सामाजिक कार्यकर्ता भी महात्मा गांधी के प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे.बता दे कि महात्मा गांधी का रांची से काफी गहरा रिश्ता रहा है अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर महात्मा गांधी का रिश्ता रांची से कब गहरा हुआ और इसके पीछे की वजह आखिर है क्या, तो आज हम आपको तमाम जानकारियां देंगे.
*कब आए थे रांची महत्मा गांधी*
महात्मा गांधी का लगाव रांची से काफी रहा है, दरअसल बताया जाता है कि महात्मा गांधी कई बार रांची आए थे सन् 1917 से 1940 के बीच लगभग 12 बार महात्मा गांधी रांची आए थे, राजधानी रांची में कई स्मृतियां यह बतलाती है कि महात्मा गांधी का लगाओ झारखंड से कितना रहा है. कई सरकारी दस्तावेज और पत्र इस्पात की पुष्टि करता है कि महात्मा गांधी सिर्फ यहां के लोगों से मिलने नहीं बल्कि कई रूपरेखा बनाने के लिए रांची आते थे, कई दस्तावेज यह बताता है कि चंपारण आंदोलन की रणनीति रांची से ही बनी थी
*शहर के बीचों बीच ऑड्रे हाउस भी गए थे बापू*
राजधानी रांची के बीचो-बीच ऑड्रे हाउस तो सब कोई देखे और जानते होंगे.दरअसल वहां हर दिन कई कार्यक्रम रखे जाते हैं.बताया जाता है कि जब चंपारण आंदोलन चरम पर था तब अंग्रेजी सरकार महात्मा गांधी को चंपारण से हटाना चाहती थी.जिसको लेकर महात्मा गांधी रांची पहुंचे और बिहार उड़ीसा के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर से मुलाकात की थी और बताया जाता है की यह मुलाकात रांची के ऑड्रे हाउस में की गई थी. और घंटे घंटे तमाम मुद्दों को लेकर चर्चाएं भी हुई थी वर्तमान की बात करेंगे तो आज भी ऑर्डर हाउस महात्मा गांधी की कई यादें अपने में समेटा हुआ है. आज भी लोग अगर महात्मा गांधी को याद करते हैं तो एक बार जरूर ऑड्रे हाउस पर नजर डाल लेते हैं.
*संत पॉल स्कूल से पुराना है नाता*
राजधानी रांची के संत पॉल स्कूल ग्राउंड में भी महात्मा गांधी की कई यादें बसी हुई है.कहा जाता है कि कई कामों को लेकर महात्मा गांधी रांची तो पहुंचे थे लेकिन कई बार सभा को भी संबोधित किए हैं ,दरअसल रांची के संत पॉल स्कूल ग्राउंड में महात्मा गांधी ने 17 सितंबर 1925 में सभा को संबोधित कर लोगों तक अपनी आवाज पहुंचने की कोशिश की थी और कहा जाता है कि संत पॉल स्कूल ग्राउंड में जो उन्होंने भाषण दिया था उसकी तारीफ लोग आज तक करते हैं क्योंकि उसे भाषण में उन्होंने आंदोलन के साथ-साथ कई उद्देश्यों को भी जनता के बीच रखने की एक छोटी सी कोशिश की थी इसलिए आज भी लोग संत पॉल स्कूल ग्राउंड को देखकर महात्मा गांधी को याद करने से पीछे नहीं हटते हैं.
*शहीद चौक के कोल्हू को देखने पहुंचे दूरदराज से लोग*
महात्मा गांधी अपने कई कामों के लिए राजधानी रांची आते थे और इस बीच कई जगह का वह भ्रमण भी करते थे और भ्रमण के बाद जो तस्वीर उनके सामने आती थी उसको वह बेहतरीन करने और समझने की कोशिश भी किया करते थे. बताया जाता है कि 1917 से 1940 तक महात्मा गांधी ने कई बार राजधानी रांची का दौरा किया था, उस समय शाहिद चौक स्थित कोल्हू का भी उन्होंने दौरा किया था.तब उन्होंने ग्रामोद्योग और स्वदेशी के प्रति प्रेम को देखते हुए तारीफ कर उन्हें आगे बढ़ने की शुभकामनाएं भी दी थी.कहा जाता है आज भी उसे शुभकामना संदेश को लोग दूरदराज से देखने के लिए पहुंचते हैं
*फोर्ड कार से पहुंचे थे रामगढ़*
महात्मा गांधी जब सन 1940 में राजधानी रांची पहुंचे थे और उन्हें रामगढ़ कांग्रेस के अधिवेशन में जाना था तब उन्होंने फोर्ड कार से रामगढ़ की ओर रवाना हुए थे बताया जाता है कि यह फोर्ड गाड़ी कोकर लालपुर रोड में रहने वाले राय साहब लक्ष्मी नारायण की थी. और जिस कार से महात्मा गांधी रामगढ़ गए थे उस कार को अभी भी सुरक्षित रखा गया है,जब महात्मा गांधी का जयंती होता है तब उस कार को लोग देखने और उन्हें याद करने के लिए जाते हैं. फिलहाल उस की देखभाल परिवार के सदस्य आदित्य विक्रम जायसवाल कर रहे है.(करिश्मा)