नई दिल्ली- एक बार फिर से चुनावी बांड की बिक्री शुरू हो रही है.2 जनवरी से लेकर इसकी बिक्री शुरू हुई है.राजनीतिक दलों के नगद पैसे को चुनावी बांड में बदलने का यह मौका है. चंदा के रूप में राजनीतिक दलों को नगदी मिलती रही है पारदर्शिता लाने के लिहाज से 2018 से चुनावी बांड निर्गत किए जाने की व्यवस्था शुरू हुई है.
लोकतांत्रिक देश भारत में मल्टी पार्टी सिस्टम है.यहां पर बहुत सारे राजनीतिक दल हैं.राजनीतिक दलों को संगठन और चुनावी खर्च के लिए विभिन्न संगठनों या व्यक्तिगत रूप से धनराशि मिलती रही है.इस धनराशि का एक बड़ा हिस्सा नगदी के रूप में होता है.चुनावी पारदर्शिता और इसमें पैसे के उपयोग को वैद्य रूप से दिखाने के लिए भारत सरकार ने चुनावी बांड जारी करने की परंपरा शुरू की.भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा ही इसकी बिक्री होती है.
2 जनवरी 2024 से देश भर के 29 एसबीआई ब्रांच में इसकी बिक्री हो रही है.इस 11 जनवरी तक ही इसकी बिक्री होगी.इस चुनावी बांड के तहत राजनीतिक दल जिन्होंने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत मत प्राप्त किए हैं.उन्हें ही यह बॉन्ड खरीदने का अधिकार है.भारत सरकार के निर्देशानुसार बॉन्ड जारी होने के 15 दिनों के अंदर ही इसे भुनाया जा सकेगा.वैधता अवधि खत्म होने के बाद किसी भी राजनीतिक दल को इसके एवज में पैसे नहीं मिलेंगे.
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